अंततः पिंजरे मे बंद हुआ शैतान भालू
दूसरे दिन वन रक्षक और महावत को किया जख्मी, रेस्क्यू कर विभाग ने ली राहत की सांस
बांधवभूमि न्यूज, रामाभिलाष त्रिपाठी
मध्यप्रदेश, उमरिया
जिले के बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान मे विगत दो दिनो से आतंक का पर्याय बने जंगली भालू को अंतत: पिंजरे मे पहुंचा दिया गया है। एक बड़े और सफल रेस्क्यू आपरेशन के बाद वन विभाग ने राहत की सांस ली है। उल्लेखनीय है कि गुरूवार को मानपुर बफर तथा पतौर कोर की सीमा पर स्थित जंगल मे लकडिय़ां बीनने गई शकुंतला पति ललन सिंह 53 निवासी ग्राम गुरूवाही को मौत के घाट उतारने के सांथ ही इस हिंसक भालू ने महिला को बचाने आये 5 और लोगों को बुरी तरह नोच खाया था। इस घटना से इलाके मे कोहराम मच गया था। गुरूवार को सुबह सर्चिंग अभियान मे जुटे अमले पर एक बार फिर भालू ने हमला कर दिया। जिससे वन रक्षक नरेन्द्र प्रजापति तथा महावत राजेन्द्र यादव घायल हो गये। इसके बाद भी प्रबंधन ने मुहिम को बंद नहीं किया। रेस्क्यू के दौरान क्षेत्र संचालक एलएल उइके, परिक्षेत्राधिकारी ताला, मानपुर, पतौर, पर्यटन सहित बड़ी संख्या मे वन कर्मी मौजूद थे। थोड़ी ही देर मे टीम को सफलता हांथ लगी। पहले भालू को ट्रेंकुलाईज किया गया, फिर उसे निर्धारित स्थान पर पहुंचाया गया।
विशेषज्ञों की टीम कर रही देखरेख
बताया गया है कि लोगों पर आक्रमण तथा यहां-वहां भागने के कारण भालू भी जख्मी हो गया था। रेस्क्यू के बाद उसका भी इलाज किया जा रहा है। बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के उप वन संचालक पीके वर्मा ने बताया जंगल से पकड़े गये भालू को आब्जर्वेशन मे रखा गया है। चिकित्सकों तथा वन्यजीव विशेषज्ञों का दल उसके हिंसक होने तथा स्वभाव मे आये परिवर्तन के कारणों की जांच करेगा। इसके बाद आगे की कार्यवाही की जायेगी।