अंगदान दे सकता है जरूरतमंद को जिंदगी
चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन की 41वीं राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
उमरिया। एक व्यक्ति का देहदान 4 से 6 डॉक्टरों को निपुण बनाता है, जो अपने अनुभव से हजारों लोगों का जीवन बचाते हैं। यह दुनिया का सबसे महान कार्य है। इसे न सिर्फ अपनायें बल्कि दूसरों को भी इसके लिये प्रेरित करें। उक्त आशय के उद्गार चाइल्ड कंजर्वेशन फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. राघवेंद्र, शिवम संस्था के हरीश मंत्री, अंगदान मामलों के विशेषज्ञ एवं नागपुर के ख्यात डॉ.रवि वानखेड़े तथा फाउंडेशन के सचिव डॉ कृपाशंकर चौबे ने ने चाईल्ड कंजर्वेशन फाउण्डेशन की 41वीं ई संगोष्ठी को संबोधित करते हुए व्यक्त किये। उन्होने कहा कि दिल्ली के अनमोल दुनियां में नही है, लेकिन उनके अंग आज 34 लोगों के जीवन को सुगम बना रहे हैं। इसके प्रति भारत मे व्यापक भ्रांतियां है, इन्हें दूर किया जाना चाहिए। वक्ताओं ने बताया कि एक व्यक्ति द्वारा दान किये गये अंगों के प्रत्यारोपण से करीब 32 लोगों को जीवन दिया जा सकता है। हमे यह समझना होगा की भारतीय सनातन संस्कृति परोपकार औऱ दान की महत्ता पर ही टिकी है। महर्षि दधीचि इसका उदाहरण है। अंगदान के बाद मृत देह को मूल स्वरूप में पैक कर ही परिजनों को वापिस किया जाता है, अत: हमे आगे आकर इसके लिये पहल करनी चाहिये। इस मौके पर वक्ताओं द्वारा अंगदान तथा मप्र और पूरे देश मे चल रही गतिविधियों के संबंध मे विस्तार से जानकारी दी गई। संगोष्ठी में देश भर के 14 राज्यों के बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने भी भाग लिया।