होली पर्व: रात्रि 8.03 से 9.03 बजे तक अमृत काल, धू-धू कर जलेगी बुराई का प्रतीक
दुर्लभ संयोग मे होगा होलिका दहन
उमरिया। बुराई पर अच्छाई की विजय का प्रतीक होलिकोत्सव आज से प्रारंभ होगा। इस मौके पर जगह-जगह षडय़ंत्र की प्रतीक होलिका का दहन किया जायेगा। प्रसिद्ध ज्योतिषाचार्य पं. चंदन शर्मा रायपुर ने बताया इस बार प्रदोष काल मे भद्रा का साया नहीं होना बहुत दुर्लभ और शुभ संयोग है। शाम 6 बज कर 36 मिनट से 8.30 बज कर शुभ योग और 8.03 मिनट से रात 9.03 बजे तक अमृत काल का संयोग रहेगा। इस दौरान होलिका दहन करना शास्त्र सम्मत उचित रहेगा। वेसे तो सूर्यास्त के उपरांत रात्रि 12.20 बजे तक श्रेष्ठ मुहूर्त है। होलिका दहन के दूसरे दिन 29 मार्च को होली का पर्व जिले भर मे आस्था और उल्लास के सांथ मनाया जायेगा। हलांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने नागरिकों से 9 बजे तक होलिका दहन संपन्न करने तथा होली पर जुलूस आदि न निकालने की अपील की है।
होलिका मे कंडों का ही उपयोग करें
पर्यावरण को बचाने के लिए होलिका दहन मे कंडों का ही उपयोग करना चाहिये। उनका कहना है कि होलिका दहन मे कंडों का उपयोग अधिक करना चाहिए। लकडि़यों का उपयोग करने से पेड़ों की कटाई होती है। पर्यावरण को बचाने का दायित्व सभी का है, इसका का ध्यान रखा जाना चाहिये।
होली से आठ दिन पूर्व लगता है होलाष्टक
इसी के सांथ विगत 21 मार्च से लगे होलाष्टक का समापन 29 मार्च को हो जाएगा। होलाष्टक के समय गृह प्रवेश, विवाह, सगाई आदि शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। शास्त्रों के अनुसार होली से आठ दिन पहले होलाष्टक लग जाते हैं।