धर्मशाला में 64 साल का रिकॉर्ड टूटा, मंडी-चंबा और कांगड़ा में सभी स्कूल-कॉलेज बंद
शिमला। हिमाचल में 24 घंटे से हो रही भारी बारिश ने तबाही मचाई है। इससे हुए अलग-अलग हादसों में अब तक 19 लोगों की मौत हुई है। सबसे ज्यादा मंडी जिले में 12 लोगों की मौत हुई है। इसके बाद चंबा में 3, जबकि शिमला और कांगड़ा 2-2 लोगों ने जान गंवाई। राज्य में शुक्रवार से शनिवार के बीच बाढ़, लैंड स्लाइड और बादल फटने की 34 घटनाएं हुई हैं। कांगड़ा, मंडी और चंबा जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। इन जिलों में कई लोग लापता हैं। हालात इतने गंभीर हैं कि राज्य के चीफ सेक्रेटरी आरडी धीमान ने अधिकारियों की इमरजेंसी मीटिंग ली। राज्य सरकार ने बारिश से बुरी तरह प्रभावित कांगड़ा, मंडी और चंबा जिले में सभी स्कूल-कॉलेज बंद करने के निर्देश दिए हैं। बाकी जिलों के डीसी भी हालात के अनुसार स्कूल-आंगनवाड़ी सेंटर बंद करने का फैसला ले सकेंगे।कांगड़ा के धर्मशाला में 24 घंटे में 333 मिलीमीटर बारिश रिकॉर्ड की गई है। इसके साथ ही यहां बारिश का 64 साल का रिकार्ड टूट गया। इससे पहले 6 अगस्त 1958 को यहां 314.9 मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई थी। बारिश के कहर से हिमाचल के अलग-अलग जिलों में 742 सड़कें ब्लॉक हो गईं। बिजली के 2000 ट्रांसफॉर्मर बंद हो गए और 172 पेयजल योजनाएं प्रभावित हैं। उधर, कांगड़ा में भारी बारिश से चक्की नदी में बना पंजाब और हिमाचल को जोड़ने वाला रेलवे पुल बह गया। हालांकि, इस पुल को एक हफ्ते पहले ही असुरक्षित घोषित कर दिया था और अगस्त के पहले हफ्ते में ही बंद कर दिया था।
मंडी में पहाड़ धंसा, एक ही परिवार के 8 लोग दबे
मंडी जिले में बारिश का कहर सबसे ज्यादा बरपा है। यहां गोहर में पहाड़ी धंसने से काशन पंचायत के जड़ोन गांव में एक ही परिवार के 8 सदस्य इसकी चपेट में आ गए। सभी के शव बरामद कर लिए गए हैं। घटना के समय सभी घर में सो रहे थे। यहां तीन अन्य हादसों में 4 और लोगों की मौत हुई है।कांगड़ा जिले में पिछले 24 घंटे से भारी बारिश हो रही है, जिस वजह से चक्की खड्ड में उफान आ गया। इसके बाद जो बाढ़ आई, उसमें खड्ड पर 1929 में बना 800 मीटर लंबा पठानकोट-जोगिंद्रनगर नैरो गेज रेलवे पुल बह गया।
राज्य के 12 में से 11 जिलों में अगले 46 घंटे भारी बारिश का अलर्ट
मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक सुरेंद्र पाल ने बताया कि अगले 36 से 46 घंटे तक राज्य में भारी बारिश का येलो अलर्ट रहेगा। इस दौरान लाहौल स्पीति को छोड़कर बाकी सभी 11 जिलों में भारी बारिश के आसार हैं। प्रदेश में मौसम 24 अगस्त के बाद ही साफ होने की उम्मीद है।
पिछले 24 घंटे में कांगड़ा में सबसे ज्यादा 346.6 मिमी बारिश
हिमाचल में बीते 24 घंटे के दौरान कांगड़ा जिला में सबसे ज्यादा 346.6 मिलीमीटर बारिश हुई। मंडी में 119.6 मिमी, डलहौजी में 111 मिमी, पालमपुर में 113 मिमी, सुंदरनगर में 77.7 मिमी, धर्मशाला में 333 मिमी, बरठीं में 60, शिमला में 57.7 मिमी और कुफरी में 69 मिमी बारिश रिकॉर्ड की गई। मंडी जिले के करसोग में भूस्खलन के बाद पहाड़ से गिरे बड़े-बड़े पत्थरों की वजह से सड़क बंद हो गई। इस वजह से सड़क के दोनों ओर वाहनों की लंबी-लंबी लाइनें लग गईं।राज्य में बारिश से 1,135 करोड़ रुपए की सरकारी और निजी संपत्ति तबाह हो गई है। इस मानसून में सड़क हादसों, बादल फटने, बाढ़, भूस्खलन में अब तक 217 लोगों की जान चली गई है। शिमला जिले में 35 और कुल्लू में 31 लोगों की मौत हुई। राज्य की अधिकांश नदियों पर बने बांध खतरे के निशान पर पहुंच गए हैं। लारजी बांध खतरे के निशान 970 मीटर की तुलना में 969 मीटर तक भर चुका है। नाथपा डेम 1494.5 मीटर की तुलना में 1494 मीटर, सैंज 1753 की तुलना में 1752 मीटर, चांजू-एक 1441 की अपेक्षा 1440.10 मीटर तक भर गया है।
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