उत्तरकाशी । उत्तराखंड के द्रौपदी का डांडा शिखर पर हिमस्खलन में लापता हुए पर्वतारोहियों के 26 शव अब तक बरामद हुए हैं। जिसमें 2 ट्रेनर और बाकी सब ट्रेनी हैं। वहीं, 3 अब भी लापता हैं। शुक्रवार सुबह 7 और पर्वतारोहियों के शव मिले हैं। गुरुवार को 15 शव मिले थे। ये सभी शव ट्रेनी के थे। वहीं, मंगलवार को 4 पर्वतारोहियों के शव मिले थे। जिसमें 2 ट्रेनर और 2 ट्रेनी थे। गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग से माउंटेनर (हवास) की 14 सदस्यीय टीम मातली हेलीपैड पहुंचकर सर्च ऑपरेशन शुरू किया था। सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, आईटीबीपी, भारतीय सेना और जिला प्रशासन की टीमों की ओर से बचाव अभियान जारी है। बचाव अभियान पर भी नजर रख रहा हूं। दरअसल नेहरू पर्वतारोहण संस्थान की 61 लोगों की टीम हिमस्खलन की चपेट में आई थी, जिसमें 54 ट्रेनी और 7 ट्रेनर थे। द्रौपदी का डांडा प्रशिक्षण में कुल 41 ट्रेनर-ट्रेनी थे, जिसमें ट्रेनी 34 और 7 ट्रेनर थे। जिसमें 25 ट्रेनी और 5 ट्रेनर कुल 30 सकुशल हैं, जबकि 29 ट्रेनर-ट्रेनी लापता थे। इनमें से अब तक 26 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं। देश के सर्वोच्च संस्थान, जिसे हाई एटीट्यूड में रेस्क्यू ट्रेनिंग और वॉर महारत हासिल गुलमर्ग स्थित वार फेयर स्कूल के 15 सदस्यीय टीम अब द्रौपदी का डांडा में रेस्क्यू कर रही है। नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग ने रेस्क्यू अभियान में हाथ खड़े कर दिए हैं। नेहरू इंस्टिट्यूट ऑफ माउंटेनियरिंग के पास सिर्फ ट्रेनिंग से लेकर ही संसाधन है, जिसके बाद रक्षा मंत्रालय से अनुरोध करने पर गुलमर्ग स्थित भारतीय सेना के वॉर फेयर स्कूल की मदद ली जा रही है।
हिमस्खलन में लापता हुए पर्वतारोहियों के 26 शव बरामद, 3 अब भी लापता
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