महामारी का शिकार बनी वृद्ध महिला, जंगली हाथी ने की किसान की हत्या
उमरिया। जिले के लोग इन दिनो दो अनचाहे मेहमानो की आवभगत करने को मजबूर हैं, इनमे से एक वैश्विक महामारी कोरोना है तो दूसरा छत्तीसगढ़ से आये जंगली हाथी। दोनो मे खतरा जान का है। एक वृद्ध की मौत के सांथ ही जहां कोरोना ने अपना आंकड़ा बढ़ा कर 8 कर दिया है, वहीं गजराज ने खेत मे सो रहे किसान की हत्या कर हिंसा की शुरूआत कर दी है। शनिवार को कोरोना के कारण वृद्ध महिला द्वारा दम तोडऩे के दूसरे ही दिन एक जंगली हांथी ने खेत मे सो रहे किसान को पटक कर मार डाला। बीते दिनो जिला मुख्यालय का रूख करने के दौरान हाथियों द्वारा ऐसी ही किसी अनहोनी की आशंका का अनुमान लगाया जा रहा था, जो सही साबित हुई है।
मचान मे सो रहा था किसान
बताया गया है कि पनपथा क्षेत्र मे विचरण कर रहा दल अचानक नौगमा के समीप ग्राम सेहरा की तरफ पहुंच गया। इन्ही मे से एक हाथी अलग हो कर धान के खेत मे जा घुसा, जहां अन्नू पिता बाल्मीकि नामक किसान मचान पर सो रहा था। हाथी ने मचान को उखाड़ कर पहले तो अन्नू को नीचे गिराया, फिर उस पर जोरदार हमला कर दिया। इस घटना मे किसान बुरी तरह जख्मी हो गया। घटना की सूचना मिलने पर पास ही गश्त कर रही पार्क कर्मियों की टीम मौके पर पहुंची और घायल किसान को लेकर अस्पताल के लिये रवाना हुई, परंतु रास्ते मे उसने दम तोड़ दिया।
मृत किसान के घर पहुंचे अधिकारी
बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान के उप संचालक सिद्धार्थ गुप्ता ने बताया कि विभागीय अधिकारियों ने मृत किसान के घर जा कर परिवार को सात्वना दी है। शासन द्वारा ऐसे हादसों का शिकार हुए लोगों के परिजनो को 4 लाख रूपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। उक्त राशि एक-दो दिनो मे संबंधित जनो को प्रदान कर दी जायेगी। उप संचालक श्री गुप्ता ने लोगों से जंगली हाथियों से सतर्क रहने एवं उनके मूवमेंट की सूचना तत्काल वन विभाग अथवा बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व को देने का आग्रह किया है।
सभी के लिये खतरा बने जंगली हाथी
बीते कुछ वर्ष पूर्व छत्तीसगढ़ से आये जंगली हाथियों की संख्या 40 के आसपास है। समस्या यह है कि अब ये हाथी अलग-अलग झुण्ड बना कर अलग-अलग क्षेत्रों मे विचरण करने लगे हैं। पिछले महीने 32 हाथियों का एक गुट उमरिया मे घुस पड़ा था। सभी झुण्डो मे एक-दो हाथी आदतन शैतानी करते हैं। जिला मुख्यालय से सटे कछरवार गांव मे दल का एक हाथी इसी तरह लोगों पर झपट रहा था। सेहरा नौगमा मे किसान को मौत के घाट उतारने वाले नर हाथी की उम्र 18 से 20 वर्ष बताई जाती है। जो लगातार ऐसी ही हरकतें कर रहा है।
उधर जिले मे कोरोना का संक्रमण जारी है। यह महामारी उन लोगों को ज्यादा सता रही है जो शारीरिक रूप से कमजोर या गंभीर बीमरियों से ग्रसित हैं। अथवा जिनके द्वारा कोविड को ले कर लापरवाही बरती जा रही है। विगत दिनो जिला मुख्यालय से सटे गंाम भरौला मे 80 वर्षीय वृद्धा भी ब्लड प्रेशर की मरीज थी। जिसे जांच पॉजिटिव आने के बाद शहडोल मेडिकल कॉलेज रेफर किया गया था, जहां अंतत: उसकी मृत्यु हो गई।
जिले मे 14 नये मरीज, 33 को किया गया डिस्चार्ज
कोरोना की संख्या बढ़ कर 680 हुई, अब तक स्वस्थ्य हुए 531 लोग
उमरिया। कल 4 अक्टूबर शाम 7 बजे तक जिले मे 14 नये मरीज चिन्हित किये गये हैं। जिन्हे मिलाकर मामलों की संख्या 680 हो गई है। इसी दौरान बीमारी से स्वस्थ्य हुए 33 लोगों को डिस्चार्ज किया गया। कोरोना से मरने वालों की तादाद 8 है। जबकि 531 व्यक्ति क्योर होकर अपने घरों को जा चुके हैं। वर्तमान मे एक्टिव केस 141 बताये गये हैं।