ताला मे हाथी प्रबंधन कार्यशाला संपन्न, सुझावों के आधार पर रिपोर्ट सौंपेगी टीम
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के राष्ट्रीय उद्यान बांधवगढ़ के आसपास के रहवासियों ने जंगली हाथियों से त्वरित बचाव हेतु सरकार की ओर से जरूरी उपकरण और किट मुहैया कराने की मांग की है। विगत दिवस ताला मे संपन्न हुई दो दिवसीय हांथी प्रबंधन कार्यशाला मे ग्रामीणो ने बताया कि एक ओर तो जंगली हाथी उनकी फसल, घरों के अलावा जानमाल को भारी नुकसान पहुंचा रहे हैं, वहीं उन्हे खदेडऩे मे लगने वाले पटाखे आदि का प्रबंधन भी उन्हे अपने पैसों से करना पड़ता है। ऐसे मे जरूरी है कि विभाग ग्रामीणो को बचाव के संसाधन प्रदान करे। उल्लेखनीय है कि रीवा और शहडोल संभाग के सीधी, उमरिया, शहडोल और अनूपपुर जिलों मे जंगली हाथियों की गतिविधियों और समस्या के निदान हेतु मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर बांधवगढ़ मे एक कार्यशाला आयोजित की गई। जिसमे पीसीसीएफ, वाइल्ड लाइफ आलोक कुमार सहित देश के विख्यात एलीफेण्ट एक्सपर्ट, बांधवगढ़ व पन्ना टाईगर रिजर्व तथा प्रभावित जिलों के अधिकारी, ग्रामीणजन एवं एनजीओ उपस्थित थे।
शासन के समक्ष प्रस्तुत होगी रिपोर्ट
बांधवगढ़ टाईगर रिजर्व के उप संचालक लवित भारती ने बताया कि बैठक मे जंगली हाथियों के संबंध मे अनेक उपयोगी सुझाव मिले हैं। जिन पर विचार-विमर्श के बाद कमेटी की अनुशंसा अभिमत सहित शासन के समक्ष प्रस्तुत की जायेगी। इस बीच वाईल्ड लाईफ ट्रस्ट ऑफ इण्डिया एवं कुछ एनजीओ ने ग्रामीणो की मांग पर हाथियों से सुरक्षा के लिये पटाखे एवं उपकरण किट आदि मुहैया कराने की बात कही है।
उमरिया पहुंच गये थे हांथी
उल्लेखनीय है कि जिले का बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान पिछले काफी समय से जंगली हाथियों की गतिविधियों का केन्द्र बना हुआ है। करीब दो वर्ष पूर्व 40 हाथियों के दल ने छत्तीसगढ़ के रास्ते उद्यान मे प्रवेश किया था, फिर वे कभी वापस नहीं लौटे। आज इनकी संख्या काफी बढ़ गई है। जंगली हाथी मुख्य रूप से मानपुर एवं बांधवगढ़ तहसीलों मे स्थाई रूप से विचरण कर रहे हैं। कई बार हाथियों का झुण्ड मुख्य मार्ग पर डेरा जमा लेता है। पिछले साल कई हाथी उमरिया पहुंच गये थे। जंगली हाथी आये दिन रिहायशी बस्तियों मे घुस कर खेतों और बस्तियों को उजाड़ रहेे हैं। वहीं इनके हमले मे जानमाल को काफी नुकसान पहुंच रहा है।
विशेषज्ञों मे दो फाड़
बाघ और दुर्लभ वन्य जीवों के लिये जाने जाते बांधवगढ़ मे हाथियों की आमद को लेकर वन्यजीव विशेषज्ञों मे मतभिन्नता की स्थिति है। विशेषज्ञों का एक धड़ा जहां हाथियों से पार्क की व्यवस्था चरमराने की बात कह रहा है तो दूसरा धड़ा बायोडायवर्सिटी मे एक बड़े जीव के शामिल हो जाने से खुश है। वहीं जंगली हाथियों का उचित प्रबंधन वन विभाग के लिये बड़ी चुनौती है लिहाजा बाघों के प्रबंधन के सांथ जंगली हाथियों को पार्क मे बिना किसी नुकसान के स्थापित करने के लिए वन विभाग ने ठोस रणनीति पर काम करना शुरू कर दिया है।
हाथियों से निपटने गांव वालों ने मांगे उपकरण
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