हरियाणा-पंजाब को लड़वा रहे राजनीतिक लोग

किसान महापंचायत में डल्लेवाल बोले- शारदा-यमुना लिंक पर काम होता तो पानी की कमी नहीं होती

सोनीपत। हरियाणा के सोनीपत की राजीव गांधी एजुकेशन सिटी परिसर में रविवार को गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा की पंचायत हुई। इसमें पंजाब और हरियाणा के किसान पहुंचे। यहां किसान आंदोलन के दौरान अपनी जाने गंवाने वाले सभी किसानों को श्रद्धांजलि दी दी। वहीं, किसानों के ऊपर दर्ज किए गए केसों को वापस लेने और एमएसपी गारंटी कानून बनाने की मांग की गई। इसके बाद केंद्र सरकार के प्रतिनिधि को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपकर पंचायत का समापन किया गया।
ज्ञापन में ये रही मुख्य मांगे
  • लखीमपुर खीरी के शहीद किसानों के परिवारों को न्याय दिया जाए और जेल में बंद निर्दोष किसानों को रिहा किया जाए, भारत सरकार के मंत्री अजय टेनी को बर्खास्त कर जेल भेजा जाए।
  • स्वामीनाथन आयोग के C2+50% फॉर्मूला के अनुसार MSP की गारंटी का कानून बनाया जाए।
  • किसानों को पूर्ण कर्ज मुक्त किया जाए।
  • किसानों की ज़मीन का अधिग्रहण करते समय 2013 के भूमि अधिग्रहण कानून के अनुसार किसानों को कलेक्टर रेट से 4 गुना से अधिक मुआवज़ा दिया जाए। मुश्तरका मालकान व देह शामलात जमीनें किसानों से न छीनी जाएं, हरियाणा का नया भूमि अधिग्रहण कानून रद्द किया जाए।
  • मुक्त व्यापार समझौतों पर रोक लगाई जाए।
  • किसान आंदोलन के दौरान दर्ज मुकदमे रद्द किए जाएं।

राजनीतिक लोग खुद का पहुंचा रहे फायदा
वहीं, किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि कुछ राजनीतिक लोग आंदोलन करने वाले किसानों को अलग कर खुद को फायदा पहुंचा रहे हैं। SYL का मुद्दा भी गैर राजनीतिक संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में गूंजा है। यह मुद्दा भी राजनीतिक लोग अपने फायदे के लिए जिंदा रख हुए हैं।अपने फायदे के लिए ये लोग हरियाणा-पंजाब को लड़ा रहे हैं। किसानों ने साफ किया कि जब तक उनकी सारी मांगें पूरी नहीं होती किसान हार मानने वाले नहीं हैं। शारदा यमुना लिंक नहर पर कार्य हो जाता तो कभी भी पानी के विषय को लेकर हरियाणा और पंजाब का झगड़ा नहीं होता।बता दें कि रविवार को सोनीपत के कुंडली सिंघु बॉर्डर पर 1 साल पहले किसान आंदोलन समाप्त होने के बाद एक बार फिर से किसान राजीव गांधी एजुकेशन सिटी में यहां एकत्रित हुए। इस दौरान किसानों ने कहा है कि सरकार जुमलेबाजी करती है। जो वादे किए जाते हैं उनको पूरा नहीं करती है, लेकिन किसान हार मानने वाले नहीं हैं।

सरकार वादाखिलाफी कर रही

उन्होंने कहा कि लखीमपुर खीरी में जो किसान मारे गए थे उनको भी अभी तक न्याय नहीं मिल रहा है। किसान नेताओं ने कहा कि सरकार वादाखिलाफी कर रही है। उन्होंने आंदोलन में मृत किसानों के परिवारों को मुआवजा देने की मांग की है।

ट्रैक्टरों और बसों में पहुंचे किसान
पंचायत में हजारों की संख्या में किसान मौजूद रहे। पंजाब से ट्रैक्टर, गाड़ी और बसों से किसान पहुंचे। राई में स्थित राजीव गांधी एजुकेशन सिटी के मेन गेट पर पंडाल बनाया गया है। यहां पर शहीद किसान अमर रहे के होर्डिंग भी लगाए गए।

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