नगर पंचायत चंदिया मे धांधली, पार्षदों ने की कलेक्टर से शिकायत
बांधवभूमि, उमरिया
जिले की चंदिया नगर पंचायत के कई पार्षदों ने सीएमओ पर दबंगों के सांथ मिल कर शासन की कायाकल्प योजना मे भारी धांधली का आरोप लगाया है। उन्होने बताया कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी कुछ पार्षदों के सांथ मिल कर यह पैसा मनमाने तौर पर खर्च करने को आमदा हैं। इस मामले को लेकर कलेक्टर डॉ. कृष्णदेव त्रिपाठी को एक ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमे योजना का पैसा नियम और शासन द्वारा निर्धाति गाईडलाईन के अनुसार जायज कार्यो पर खर्च करने की मांग की गई है। इस मौके पर पार्षद सुलोचना कोल, गुरूदयाल रजक, गुलाब कोल, रेखा चौधरी, बेबी शबनम, मंजू कोल, मोतीलाल कोरी, बसोना बाई कोल सहित कई स्थानीय जनप्रतिनिधि उपस्थित थे।
क्या है मामला
बताया गया है कि मप्र शासन की कायाकल्प योजना के अंतर्गत नगर परिषद चंदिया मे सडंकों के पुनरोद्धार के लिये 50 लाख रूपये की राशि आवंटित की गई है। इस राशि से केवल उन्ही सड़कों का निर्माण होना है, जिन्हे बने 20 वर्ष अथवा उससे अधिक समय हो चुका है। आरोप है कि मुख्य नगर पालिका अधिकारी ने कुछ दबंग पार्षदों के सांथ मिल कर ऐसी सड़कों को प्रस्ताव मे शामिल कर लिया है, जिन्हे बने अभी 10 वर्ष भी नहीं हुए हैं। इतना ही नहीं आनन-फानन मे सड़कों का टेण्डर निकालने की तैयारी भी शुरू कर दी गई है।
पीआईसी को नहीं है पावर
पार्षदों ने कलेक्टर को बताया कि नगर परिषद के मुख्य नगर पालिका अधिकारी तथा अन्य लोगों की मिलीभगत से नियमो की धज्जियां उड़ाते हुए पीआईसी मे 50 लाख रूपये के निर्माण कार्य को मंजूरी दे दी गई है। जबकि पीआईसी को इतनी बड़ी रकम के कार्य का अधिकार ही नहीं है, इसके लिये परिषद का अनुमोदन जरूरी है।
अन्य वार्डो की अनदेखी
कलेक्टर से मिलने उमरिया पहुंचे नाराज पार्षदों ने बताया कि नगर पंचायत मे अव्यवस्था का आलम है। वार्डो के सांथ पक्षपात किया जा रहा है। पूरी व्यवस्था पर चंद पार्षदों और रसूखदारों का कब्जा हो चुका है। जिनके दबाव मे अधिकारी अनर्गल फैंसले ले रहे हैं। मनमानी का असर शहर के विकास पर भी पड़ रहा है। कार्यालय मे आम जनता की सुनवाई नहीं हो रही है और हितग्राहीमूलक योजनायें ठप्प पड़ी हैं। उनकी मांग है कि यह रवैया तत्काल बंद हो और कायाकल्प सहित अन्य योजनाओं का पैसा वहीं पर खर्च हो जहां इसकी जरूरत है।
सीएम की योजना से दबंगों का कायाकल्प
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