लगा दोहरा झटका, जमानत पर सुनवाई 21 मार्च तक टली
नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार को आप नेता और पूर्व आबकारी मंत्री मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया। इस दौरान ईडी ने सिसोदिया की 10 दिन की रिमांड मांगी। ईडी ने सुनवाई के दौरान दावा किया कि आबकारी नीति तैयार करने के पीछे साजिश थी। शराब नीति में नियम बदलकर कुछ खास लोगों को 6 प्रतिशत की जगह 12 प्रतिशत लाभ पहुंचाया गया। सिसोदिया से पूछताछ के लिए रिमांड जरूरी है। ईडी ने कोर्ट में कहा कि सिसोदिया और के कविता संपर्क में थे। ईडी ने कोर्ट में दावा किया, इस नीति से दक्षिण की कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया। बड़े कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया। सिसोदिया के कहने पर शराब नीति के नियम बदले गए। थोक व्यापार का हिस्सा खास लोगों को दिया गया। 6 प्रतिशत की जगह 12 प्रतिशत का मार्जिन दिया गया। डिजिटल सबूत मिटाए गए। ईडी ने कहा, 12 प्रतिशत मार्जिन के सवाल पर सिसोदिया गलत जवाब दे रहे थे। इस घोटाले में 219 करोड़ रुपये की ट्रेल मिली है। हमें पूरी कार्यप्रणाली की जांच करने और अन्य आरोपियों के सामने पूछताछ करने की जरूरत है। इसकारण 10 दिन की रिमांड मांगी है।वहीं सिसोदिया की सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के केस में जमानत पर अब 21 मार्च तक सुनवाई टाल दी गई है। वहीं ईडी की रिमांड को लेकर कोर्ट ने अपना आदेश सुना दिया है। जज ईडी को सिसोदिया की 7 दिन की रिमांड दी है। हालांकि एजेंसी ने कोर्ट से 10 दिन की कस्टडी मांगी थी। ईडी ने कोर्ट को 57 पेज की रिमांड कॉपी सौंपी थी। सुनवाई के दौरान ईडी के वकील ने कहा कि एक आरोपी के लिए तीन-तीन वरिष्ठ वकील एक तरह की दलील देने का क्या मतलब है। एजेंसी ने कहा कि सिसोदिया का कई लोगों से आमना-सामना कराएगी। एजेंसी ने बताया कि सिसोदिया ने कई व्यापारियों को लाभ पहुंचाया है। ईडी ने बताया कि सिसोदिया ने डिजिटल सबूतों को नष्ट किया। सिसोदिया ने मामले में पूछताछ के दौरान गलत जानकारी दे रहे हैं। सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में कहा कि जब सरकार की पॉलिसी बनती है, तब कई स्तरों से गुजरती है। चुनी हुई सरकार के अलावा संबंधित विभाग, वित्त विभाग से होते हुए मसौदा उप राज्यपाल के पास जाता है। पूरी प्रक्रिया के बाद एलजी ने भी पॉलिसी को देखा समझा और मंजूरी दी।
सिसोदिया सात दिन तक ईडी की रिमांड पर
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