सिविल सेवा दिवस पर पीएम मोदी ने कर्मयोगियों को किया सम्मानित

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने विज्ञान भवन में गुरुवार को लोक प्रशासन के क्षेत्र में उत्कृष्ट योगदान देने व अहम भूमिका निभाने वाले अधिकारियों को सम्मानित किया। प्रधानमंत्री ने तेज गति से बदलती दुनिया में समय के अनुसार चलने की सलाह देकर तीन लक्ष्य गिनाए। उन्होंने कहा, हम एक लोकतांत्रिक व्यवस्था में है, हमारे सामने तीन लक्ष्य हैं। पहला देश में सामान्य से सामान्य मानवी के जीवन में बदलाव आए, उसके जीवन में सुगमता आकर इसका एहसास भी हो। दूसरा आज हम कुछ भी करें, उस वैश्विक संदर्भ में करना समय की मांग है, तीसरा व्यवस्था में हम कहीं पर भी हों, लेकिन जिस व्यवस्था से हम निकले हैं, उसमें हमारी प्राथमिक जिम्मेदारी है देश की एकता और अखंडता।’
प्रधानमंत्री ने आग्रह किया कि यदि संभव हो, तब वे आजादी के इस अमृत काल में अपने जिला के पूर्व कलेक्टरों से मिलें। इसी तरह राज्यों में जो चीफ सेक्रेटरी, कैबिनेट सेक्रेटरी रहे हैं, उन सभी को बुला लें। इन्हें याद करना और सम्मानित करना भी आजादी के अमृत काल में सिविल सर्विस को सम्मानित करने वाला विषय बन जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा, आजादी के अमृत काल, 75 साल की यात्रा में भारत को आगे बढ़ाने में सरदार पटेल का सिविल सर्विस का जो तोहफा है। इसके जो ध्वजवाहक रहे हैं, उन्होंने इस देश की प्रगति में कुछ न कुछ योगदान दिया ही है।’
नागरिक उड्डयन मंत्रालय की संयुक्त सचिव उषा पढी ने कहा, ‘ मंत्रालय की योजना उडान को सम्मानित किया है। पीएम मोदी ने कहा, आपके पूरे जिले के लिए वहां एक नया अनुभव होगा।’ इस मौके पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, सिविल सेवा दिवस पर आप सभी कर्मयोगियों को बहुत बहुत शुभकामनाएं। आज जिन साथियों को ये अवार्ड मिले हैं, उन्हें, उनकी पूरी टीम को और उस राज्य को भी मेरी तरफ से बहुत बहुत बधाई।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘आप जैसे साथियों के साथ करीब 20-22 साल से में इसी तरह बात कर रहा हूं। पहले मुख्यमंत्री के और अब प्रधानमंत्री के तौर पर कर रहा हूं। उसके कारण एक प्रकार से कुछ मैं आपसे सीखता हूं और कुछ अपनी बातें आप तक पहुंचा पाता हूं। इस बार का आयोजन नियमित प्रक्रिया नहीं है, मैं इसे विशेष समझता हूं। विशेष इसलिए क्योंकि आजादी के अमृत महोत्सव में जब देश आजादी के 75 साल मना रहा है, तब हम यह समारोह मना रहे हैं।’
भारत हर साल 21 अप्रैल को ‘नेशनल सिविल सर्विसेज डे’ के तौर पर मनाता है। लोक सेवकों की अथक मेहनत को पहचान दिलाने के क्रम में दिन मनाया जाता है। इस दिन हर साल उत्कृष्ट योगदान देने वाले सिविल सर्वेंट को सम्मानित किया जाता है।

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