संसद का मानसून सत्र आज से

सर्वदलीय बैठक मे विपक्ष की मांग पर बनी सहमति, 11 अगस्त तक चलेगा सत्र

नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र गुरूवार से शुरू हो रहा है। मानसून सत्र से पहले बुधवार को दिल्ली में केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई। जिसमें सदन को सुचारू रूप से चलाने पर मंथन किया गया। केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में हो रही इस बैठक में संसदीय कार्यमंत्री प्रल्हाद जोशी, राज्य सभा में सदन के नेता पीयूष गोयल, अपना दल की नेता अनुप्रिया पटेल, सीपीएम नेता सहित कई अन्य दलों के नेता मौजूद रहे। इस बैठक में सदन को सुचारू रूप से चलाने के लिए प्वाइंट्स तैयार किए गए। बैठक के बीच यह जानकारी भी सामने आई कि केंद्र सरकार मणिपुर हिंसा पर सदन में चर्चा को लेकर तैयार है। मालूम हो कि मानसून सत्र के लिए हुए विपक्षी दलों की बैठक में कांग्रेस ने मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग की थी। सर्वदलीय बैठक से पहले संसद में बिजनेस एडवाइजरी कमिटी की बैठक भी हुई थी। संसद शुरू होने से पहले सर्वदलीय बैठक की परंपरा रही है। पिछली बार हुई इस बैठक में पीएम मोदी भी शामिल हुए थे। मानसून सत्र से पहले राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 18 जुलाई को सर्वदलीय बैठक बुलाई थी लेकिन बेंगलुरु में विपक्षी दलों की बैठक और दिल्ली में एनडीए की बैठक के कारण इसे टालना पड़ा था।
हंगामेदार होगा मानसून सत्र
संसद का मानसून सत्र हंगामेदार होने की संभावना है। कांग्रेस सहित अन्य विपक्षी दल कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी में हैं। बुधवार को कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हम चाहते हैं कि बालासोर हादसे, महंगाई, बेरोजगारी, इंडो-चीन स्थिति और इंडो-चीन ट्रेड में जो असंतुलन हो रहा है, उसपर चर्चा हो। जिस तरह से संघीय ढांचे पर प्रहार हो रहा है उस पर चर्चा होना जरूरी है…सत्तारूढ़ पार्टी अगर सदन चलाना चाहती है तो विपक्ष के मुद्दों पर ध्यान देना ज़रूरी है।
पहले दिन कांग्रेस लाएगी स्थगन प्रस्ताव
अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि ढाई महीने से मणिपुर जल रहा है लेकिन प्रधानमंत्री ने चुप्पी साधी है। कल से सदन भी शुरू होने वाली है, प्रधानमंत्री से गुजारिश है कि अब सदन में आकर बयान दें और हमें भी चर्चा का मौके दें। हम कल स्थगन प्रस्ताव लाना चाहते हैं क्योंकि मणिपुर के हालात दिन पर दिन बदतर होते जा रहे हैं।

दिल्ली अध्यादेश के मसले पर भी हंगामा
मानसून सत्र में दिल्ली सरकार के अधिकार को लेकर केंद्र सरकार बिल लेकर आएगी, जिस पर काफी हंगामा मचने के आसार हैं। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पूरे देश में विभिन्न पार्टियों से इस बिल का विरोध करने की अपील की है। कांग्रेस ने भी बिल का विरोध के मुद्दे पर केजरीवाल को समर्थन दिया है। इसके अलावा कांग्रेस ने कई मुद्दों पर सरकार को घेरने की तैयारी कर रखी है।
संसद का मानसून सत्र 11 अगस्त तक चलेगा। दोनों सदनों की कुल 17 बैठकें प्रस्तावित हैं। सरकारी सूत्रों का कहना है कि सत्र में कई जरूरी विधेयक पेश किए जाने हैं, ऐसे में सभी दलों को सत्र चलाने में सहयोग करना चाहिए, क्योंकि सरकार नियम व प्रक्रिया के तहत किसी भी विषय पर चर्चा कराने से पीछे नहीं हट रही है।
इन मुद्दों पर होगी चर्चा
कांग्रेस सांसद जयराम रमेश ने कहा कि हम मणिपुर मुद्दे पर चर्चा करना चाहते हैं। लोकतांत्रिक तरीकों से चुनी गई राज्य सरकारों पर राज्यपाल और उपराज्यपाल के जरिए होने वाले हमलों पर भी बात होगी। मंहगाई और अडाणी मामले में जॉइंट पार्लियामेंट्री कमेटी को लेकर भी चर्चा होगी। जयराम रमेश ने कहा कि वे दिल्ली अध्यादेश, फॉरेस्ट कंजर्वेशन एक्ट अमेंडमेंट बिल और बॉयोलॉजिकल डाइवर्सिटी एक्ट अमेंडमेंट बिल का संसद में विरोध करेंगे।

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