पीएम ने बच्चों के लिए जारी किए पीएम केयर्स योजना के तहत लाभ
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन योजना (स्कीम) के तहत लाभ जारी किए। इस कार्यक्रम से जुड़े लोगों में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी, मंत्रिमंडल के कई अन्य सदस्य और मुख्यमंत्री शामिल थे। उपस्थित जनसमुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने उन बच्चों के जीवन में आ रही कठिनाइयों के प्रति सहानुभूति व्यक्त की जिन्होंने कोरोना के कारण अपने प्रियजनों को खो दिया। हर दिन का संघर्ष और हर दिन की चुनौतियां। आज जो बच्चे हमारे साथ हैं और जिनके लिए यह कार्यक्रम हो रहा है, उनके दर्द को शब्दों में बयान करना मुश्किल है। उन्होंने कहा कि वह प्रधानमंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि परिवार के सदस्य के तौर पर बोल रहे हैं।
हर देशवासी पूरी संवेदनशीलता से आपके साथ
प्रधानमंत्री ने कहा कि इन परिस्थितियों में, पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन ऐसे कोरोना प्रभावित बच्चों की मुश्किलों को कम करने का एक छोटा सा प्रयास है, जिन्होंने अपने माता-पिता दोनों को खो दिया। पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन इस बात का भी प्रतिङ्क्षबब है कि हर देशवासी पूरी संवेदनशीलता से आपके साथ है। प्रधानमंत्री ने बताया कि अगर किसी को व्यावसायिक पाठ्यक्रम (प्रोफेशनल कोर्स) या उच्च शिक्षा के लिए शैक्षणिक ऋण (एजुकेशन लोन) की जरूरत है तो उसमें भी पीएम केयर्स मदद करेगा। अन्य दैनिक जरूरतों के लिए भी अन्य योजनाओं के माध्यम से उनके लिए हर माह ४ हजार रुपये की व्यवस्था की गई हैढ्ढ २३ वर्ष की आयु प्राप्त करने पर १० लाख रुपये के अलावा मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक मदद के लिए बच्चों को आयुष्मान कार्ड के माध्यम से स्वास्थ्य बीमा और संवाद हेल्पलाइन के माध्यम से भावनात्मक परामर्श भी दिया जाएगा। प्रधानमंत्री ने महामारी के सबसे दर्दनाक प्रभाव का इतनी बहादुरी से सामना करने के लिए बच्चों को सलाम किया और कहा कि माता-पिता के प्यार की भरपाई कोई नहीं कर सकता।
अपनी जिम्मेदारी निभाने की कोशिश
उन्होंने कहा कि संकट की इस घड़ी में मां भारती आप सभी बच्चों के साथ हैं। उन्होंने आगे कहा कि पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन के जरिए देश अपनी जिम्मेदारी निभाने की कोशिश कर रहा है। प्रधानमंत्री महोदय ने महामारी के दौरान मानवीय करूणा के उन उदाहरणों को याद किया जब विशेष रूप से लोगों ने प्रभावित लोगों के कल्याण में किस प्रकार अपना योगदान दिया था। प्रधानमंत्री ने कहा कि इस कोष ने कोरोना काल में अस्पतालों को तैयार करने, वेंटिलेटर खरीदने और ऑक्सीजन प्लांट लगाने में भी काफी मदद की। इससे कई लोगों की जान बचाई जा सकी और कई परिवारों का भविष्य बचाया जा सका। प्रधानमंत्री ने कहा कि निराशा के अंधकारमय वातावरण में भी यदि हम स्वयं पर विश्वास करें तो प्रकाश की एक किरण अवश्य दिखाई देती है। उन्होंने हमारे अपने देश को ही इसका सबसे बड़ा उदाहरण बताया। प्रधानमंत्री ने बच्चों को सलाह दी कि वे निराशा को हार में न बदलने दें। उन्होंने उनसे अपने बड़ों और अपने शिक्षकों की सुनने के लिए कहा। उन्होंने यह भी कहा कि इस कठिन समय में अच्छी किताबें ही उनकी विश्वसनीय दोस्त बन सकती हैं।
हमने दुनिया भर के देशों को भेजे दवाएं और टीके
उन्होंने बच्चों से रोग मुक्त रहने के लिए खेलो इंडिया और फिट इंडिया मूवमेंट में शामिल होकर नेतृत्व करने के लिए भी कहा। उन्होंने उनसे उन्हें योग दिवस में भी भाग लेने के लिए कहा। उन्होंने कहा कि नकारात्मकता के उस माहौल में भारत ने अपनी ताकत पर भरोसा किया। हमें अपने वैज्ञानिकों, अपने डॉक्टरों और अपने युवाओं पर भरोसा था और हम दुनिया के लिए ङ्क्षचता नहीं, आशा की किरण बनकर निकले। हम समस्या नहीं बने बल्कि समाधान देने वाले बनकर सामने आए। हमने दुनिया भर के देशों को दवाएं और टीके भेजे। इतने बड़े देश में भी हम वैक्सीन को हर नागरिक तक ले गए। उन्होंने कहा कि हमारा देश सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के रूप में आगे बढ़ रहा है और दुनिया नई उम्मीद और विश्वास के साथ हमारी ओर देख रही है।
संकट की इस घड़ी में मां भारती आप सभी बच्चों के साथ
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