श्रमिक की लाश का करवाया इलाज
एसईसीएल विंध्या खदान को ठेके संचालित कर रही कम्पनी का कारनामा
उमरिया। जिले के एसईसीएल जोहिला एरिया की विध्या ख्ुाली खदान को संचालित कर रही कम्पनी जेएमएस प्रबंधन कल एक मृत श्रमिक का इलाज कराने शहडोल पहुंच गया। श्रीराम अस्पताल के डाक्टरों ने भी लाश इलाज भी शुरू कर दिया परंतु जब मामला खुला और इस बात की खबर बाहर फैली तो आनन-फानन मे श्रमिक को दोबारा मृत घोषित किया गया। दरअसल विंध्या भूमिगत खदान को ठेके पर चला रही जेएमएस कम्पनी के एक कामगार भाबुतोष मजूमदार खदान मे काम करते समय दुर्घटना का शिकार हो गये थे। बताया जाता है कि मजूमदार बीती रात पाली मे कार्यरत था, इसी दौरान सुबह करीब 6 बजे उस पर एक जेक आ गिरा। जिससे श्रमिक के सिर पर गंभीर चोटें आई और मौके पर ही उसकी मृत्यु हो गई।
बात खुली तो पल्ला झाड़ा
घटना के बाद श्रमिक को नौरोजाबाद स्थित कालरी अस्पताल लाया गया, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बावजूद श्रमिक के शव का पीएम आदि कराने की बजाय कम्पनी के अधिकारी उसे श्रीराम अस्पताल शहडोल ले गये, जहां लाश को भर्ती कर दिया गया। इस बात की खबर मिलने पर कुछ पत्रकार वहां पहुंच गये। बात बढऩे लगी तो पोल खुलने के डर से अस्पताल प्रबंधन ने भाबुतोष को मृत घोषित करते हुए पिण्ड छुड़ाने मे ही अपनी भलाई समझी। हलांकि इस दौरान इलाज मे कुछ दवाओं का भी इस्तेमाल कर लिया गया।
अंग्रेजों की तर्ज पर खनन
जानकारों का मानना सरकार की नई नीति के तहत कोयला खदान संचालित कर रही प्रायवेट कम्पनियां अंग्रेजों वाले पुराने ढर्रे पर आ गई हैं। उनके द्वारा ना तो श्रमिकों को पर्याप्त मजदूरी दी जा रही हैं और नां ही उनके सुरक्षा का कोई ख्याल ही रखा जा रहा है। इतना ही नहीं निजी कम्पनियां लाभ कमाने के चक्कर मे नियमो का उल्लंघन कर खनन कर रही हैं, जिससे इलाके मे नकेवल जमीन बैठने और खेतों की नमी कम होने जैसी समस्यायें पैदा हो रही हैं बल्कि आये दिन दुर्घटनायें भी हो रही हैं।
असंतोष से बचने ले गये शव
यह भी बताया जाता है विंध्या माईन्स चला रही जेएमएस कम्पनी का श्रीराम अस्पताल शहडोल से टाईअप है। श्रमिक संगठनो का आरोप है कि भाबुतोष मजूमदार की मौत से उपजे असंतोष से बचने तथा घटना पर लीपापोती करने की रणनीति के तहत मृतक की लाश को शहडोल ले जाया गया। संगठनो की मांग है कि पुलिस इस पूरे मामले की सूक्ष्म और निष्पक्ष जांच करे ताकि घटना की सच्चाई सामने आ सके।
हो चुकी थी मौत
श्रमिक को जब रीजनल अस्पताल लाया गया तब उसकी मृत्यु हो चुकी थी। इसकी जानकारी तत्काल मृतक के सांथ आये लोगों को दे दी गई थी।
डा.प्रतिभा पाठक
चिकित्सक
रीजनल अस्पताल नौरोजाबाद
भर्ती तो करना ही पड़ेगा
जब कोई व्यक्ति अस्पताल लाया जायेगा तो उसे भर्ती तो करना ही पड़ेगा। भाबुतोष मजूमदार की जांच करने पर उसे मृत पाया गया तो शव वापस कर दिया गया।
विजय दुबे
संचालक
श्रीराम हास्पिटल, शहडोल