श्रद्धालुओं का प्रवेश निषेद्ध

श्रद्धालुओं का प्रवेश निषेद्ध
महाकाली की आराधना का प्रतीक चैत्र नवरात्र प्रारंभ, शुभमुहूर्त मे हुई घट स्थापना
उमरिया। शक्ति की उपासना का प्रतीक पावन पर्व चैत्र नवरात्र कल मंगलवार से शुरू हो गया। नौ दिनो तक चलने वाले त्यौहार के पहले दिन मंदिरों तथा घरों मे प्रात: शुभ मुहूर्त मे घट स्थापना की गई। जिसके बाद मातेश्वरी की विधि-विधानपूर्वक पूजा-अर्चना हुई। उल्लेखनीय है कि नवरात्र का त्यौहार देश भर मे आस्था और विश्वास के सांथ मनाया जाता है। इस दौरान लोग माता महाकाली की कठोर तपस्या, वृतादि से उन्हे प्रसन्न करते हैं। इस दौरान सप्तमी और अष्टमी पर माता की विशेष आराधना की जाती है। जिले के ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों मे नवमी पर बोये गये जवारों का जुलूस निकाला जाता है। इस दौरान कालिका के सांथ पण्डा नृत्य करते हुए विसर्जन स्थल की ओर चलते हैं। जवारा विसर्जन के सांथ नवरात्र का समापन होता है। इन पूरे कार्यक्रमो मे श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ती है, परंतु कोरोना संक्रमण की वजह से सारे आयोजन सीमित और प्रतीकात्मक हो गये हैं। पिछले साल की तरह इस बार भी मंदिरों मे श्रद्धालुओं के प्रवेश तथा जुलूस आदि को लेकर विशेष दिशा-निर्देश जारी किये गये हैं।
कलेक्टर ने जारी किये प्रतिबंधात्मक आदेश
कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी संजीव श्रीवास्तव ने नोबल कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव को दृष्टिगत रखते हुये दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 की धारा-144 के तहत जिले की राजस्व सीमा मे प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किये है। जिसके मुताबिक ज्वालामुखी मंदिर उमरिया, माता बिरासिनी देवी मंदिर पाली, ज्वालामुखी मंदिर उचेहरा तथा ज्वालामुखी मंदिर ग्राम माला मे पूजा अर्चना मंदिर समिति तथा पुजारी द्वारा संपन्न कराई जायेेगी। इस दौरान दर्शनार्थियों का प्रवेश प्रतिबंधित रहेगा। निर्देशों का उल्लंघन करने पर संबंधितों के विरूद्ध वैधानिक कार्यवाही की जायेगी।
फल एवं सब्जी विक्रय की छूट
कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव ने नवरात्र पर्व पर उपवास को दृष्टिगत रखते हुये कोरोना कफ्र्यू के दौरान जिले मे फल एवं सब्जी की दुकानो को विक्रय की अनुमति प्रदान की है।

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