शौचालय मे भी खोज लिया भ्रष्टाचार का रास्ता
महरोई मे हुआ घोटाला, सरपंच-सचिव खा गये हितग्राहियों का हक
मानपुर/रामाभिलाष त्रिपाठी। शासन की योजनाओं का उद्देश्य सामाजिक कुरीतियों को दूर कर क्षेत्र व लोगों का विकास करना है। खुले मे शौच ऐसी ही एक बुराई है, जो न सिर्फ प्रतिष्ठा पर आघात करती है बल्कि संक्रामक रोगों का कारण भी मानी जाती है। इसीलिये सरकारों ने करोड़ों रूपये खर्च कर ग्रामीण क्षेत्रों मे निवासरत लोगों को शौचालय मुहैया कराने का बीड़ा उठाया, परंतु जिम्मेदारों ने इसे भी नहीं बक्शा। हालात यह है कि हजारों की संख्या मे बने शौचालय गुणवत्ताहीन निर्माण के चलते शो-पीस बन कर रह गये, लिहाजा आज भी कई गांव खुले मे शौच से मुक्त नहीं हो सके हैं। मानपुर जनपद की ग्राम पंचायत महरोई भी इसी स्थिति से दो-चार है। गांव के सरपंच और सचिव ने शौचालय निर्माण से भी भ्रष्टाचार का रास्ता निकाल लिया। बताया जाता है कि शासन द्वारा प्रत्येक शौचालय के लिये 12 हजार रूपये की राशि आवंटित की जाती है। जो कि इस मंहगाई के दौर मे पहले ही बेहद कम है, पर सरपंच व सचिव महोदय द्वारा इसमे से भी आधा पैसा डकार गये। गांव मे बने शौचालयों को देख कर साफ अंदाज लगाया जा सकता है कि इनके निर्माण पर मात्र 5 से 6 हजार रूपये ही खर्च किये गये हैं। इतना ही नहीं सरंपंच और सचिव की मिलीभगत से बिना निर्माण के कई शौचालयों की राशि आहरित कर ली गई है। इस धांधली की शिकायत कई बार जिला पंचायत के सीईओ से भी की गई पर उनके द्वारा कोई पहल नहीं की गई। स्थानीय लोगों ने कलेक्टर से इस मामले मे कड़ी कार्यवाही की मांग की है।