उपराष्ट्रपति, राज्यपाल और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने जबलपुर मे किया योग अभ्यास
जबलपुर। मंगलवार को जबलपुर के गैरीसन ग्राउंड में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस कार्यक्रम पूरे देश में देखा और सुना गया। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने यहा कि हमारा योग आज वैश्विक पर्व बन गया है। अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर आज विश्व के हर कोने में यह जीवंत हो रहा है। यह हर भारतीय के लिए गौरव का क्षण है। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बधाई के पात्र हैं, जिन्होंने २७ सितंबर २०१४ को संयुक्त राष्ट्र महासभा में योग को अंतरराष्ट्रीय मंच पर रखा। विश्व के १९३ देशों ने इसका समर्थन किया। संयुक्त राष्ट्र द्वारा ११ दिसंबर २०१४ को यह घोषणा की गई कि हर वर्ष २१ जून अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में मनाया जाएगा और इसी के साथ योग के लिए प्रधानमंत्री मोदी का भागीरथी प्रयास सफल हुआ। उपराष्ट्रपति धनखड़ गौरिसन ग्राउंड में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के राष्ट्रीय कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। उपराष्ट्रपति धनखड़ ने अपने संबोधन की शुरूआत सभी को नवमें अंतर्राष्ट्रीय दिवस पर शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सनातन मां नर्मदा के तट पर एवं रानी दुर्गावती की ऐतिहासिक भूमि पर आकर वे अपने स्वयं को अत्यंत अभिभूत महसूस कर रहे हैं। नवमें अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर देश का मुख्य कार्यक्रम जबलपुर के गैरिसन ग्राउंड में आयोजित किया गया । यहां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की गरिमामय उपस्थिति में करीब १५ हजार लोगों ने एक साथ योगाभ्यास किया।कार्यक्रम में मुख्य अतिथि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के साथ मध्यप्रदेश के राज्यपाल मंगुभाई पटेल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय आयुष तथा पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानन्द सोनोवाल, केंद्रीय इस्पात एवं ग्रामीण विकास राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते, केंद्रीय जल शक्ति एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्य मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल, केंद्रीय आयुष तथा महिला एवं बाल विकास मंत्री डॉ मुंजपरा महेंद्रभाई कालूभाई, प्रदेश के आयुष ( स्वतंत्र प्रभार ) तथा जल संसाधन राज्य मंत्री रामकिशोर नानो कावरे, जबलपुर के सांसद राकेश सिंह, खजुराहो के सांसद वी डी शर्मा, राज्य सभा सदस्य सुमित्रा बाल्मिकी, रामचन्द्र मिशन के अध्यक्ष कमलेश पटेल दाजी, विधायक अजय विश्नोई एवं विधायक अशोक रोहाणी भी गणमान्य अतिथियों में शामिल थे ।
2047 तक विश्वगुरु होगा भारत
उपराष्ट्रपति श्री धनखड़ ने कहा कि वर्ष २०४७ तक भारत विश्व के सर्वोच्च शिखर पर होगा, विश्व गुरु होगा। इस दशक के अंत तक भारत विश्व की तीसरी बड़ी शक्ति होगा। वर्ष २०२२ में विश्व के बड़े देशों की तुलना में भारत में लगभग ४ गुना डिजिटल ट्रांसफर हुआ। भारत में आज ७० करोड़ इंटरनेट यूजर हैं और हमारा डाटा कंसमशन अमेरिका और चीन से भी अधिक है। उन्होंने संदेश दिया कि योग के माध्यम से स्वस्थ रहें, सुखी रहें और देश को हर हाल में सर्वोपरि रखें।
योग की पूरे विश्व में पहचानः राज्यपाल
राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने कहा कि योग से शारीरिक,मानसिक और वैचारिक स्वास्थ्य मिलता है. योग शरीर, मन, आत्मा को जोड़ने का विधान है.। यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को विकसित कर बीमारियों की रोकथाम करता है. इसने हमें वैश्विक आपदा कोविड से उबरने में मदद की है. यही वजह है कि संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे स्वीकार करके इसकी उपयोगिता सिद्ध की है. आज योग की पहचान पूरे विश्व में है. उन्होंने युवाओं से कहा कि उनके कैरीअर और जीवन में आने वाली चुनौतियों का सामना करने के लिए योग सशक्त माध्यम साबित होगा. योग को अपने जीवन में अंगीकार करें, सात्विक एवं संतुलित आहार ग्रहण करें. योग के नियमित अभ्यास से विचारों में दुनिया के प्रति सकारात्मक बदलाव आयेगा।
संपूर्ण विश्व योगमयः मुख्यमंत्री
मुख्यतमंत्री चौहान कहा आज संस्कारधानी जबलपुर, प्रदेश, देश ही नहीं बल्कि संपूर्ण विश्व योगमय हो गया है और इसका श्रेय जाता है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को, जो आज स्वयं संयुक्त राष्ट्र संघ में दुनिया के लिए योग का नेतृत्व कर रहे हैं। भारत की यह प्राचीन विधा विश्व कल्याण के लिए है। हज़ारों वर्ष पूर्व से अपनाई जा रही हमारी वसुधैव कुटुंबकम् की अवधारणा संदेश देती है कि सारी दुनिया हमारा परिवार है। मनुष्य को हमने जियो और जीने दो का संदेश दिया है। हमारे ऋषि मुनियों ने सर्वे भवन्तु सुखिनः के माध्यम से बताया है कि पहला सुख निरोगी काया है और इसके लिए योग से बड़ा साधन कोई नहीं है। उन्होंने महर्षि पतंजलि को प्रणाम करते हुए उनके अष्टांग योग का उल्लेख किया।
जनआंदोलन बन चुका योग दिवस
केंद्रीय आयुष मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने कहा कि आज योग को वैश्विक स्तर पर नई पहचान मिली है। वर्ष २०१४ से प्रारंभ हुई यह योग यात्रा आज भी जारी है ।इस यात्रा की उपलब्धि यह है कि इसमें जन सहभागिता अप्रत्याशित रूप से बढ़ी है। अब यह जन आंदोलन का रूप धारण कर चुका है। सोनोवाल ने कहा कि इस बार का अंतरराष्ट्रीय योग दिवस कई मायन्ाों में विलक्षण है। इसमें ओशन रिंग, योग भारतमाला, योग सागरमाला जैसे कार्यक्रम भी होंगे। आर्कटिक से लेकर अंटार्कटिका महासागर तक के क्षेत्र में योग प्रदर्शन और प्रमुख मेरिडियन लाइन, उस पर पड़ने वाले और उस लाइन के आसपास के ४० से अधिक देशों में योग प्रदर्शन होगा।
राष्ट्रगान से हुई शुरुआत
अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के गरिमामय आयोजन का शुभारम्भ सुबह ६ बजे राष्ट्रगान की प्रस्तुति से हुआ। कार्यक्रम में भारत सरकार द्वारा तय कॉमन योगा प्रोटोकॉल के अनुसार योग की विभिन्न मुद्राओं एवं प्राणायाम का अभ्यास किया गया । इसके पहले उप राष्ट्रपति श्री जगदीप धनखड़, केंद्रीय आयुष मंत्री सर्बानन्द सोनोवाल, राज्यपाल मंगुभाई पटेल एवं मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान का संबोधन हुआ । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रिकॉर्डेड सन्देश का प्रसारण भी कार्यक्रम में किया गया । नवमें अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस पर संस्कारधानी जबलपुर के निवासियों में योग के प्रति अभूतपूर्व उत्साह दिखाया। नवमें अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस पर देश का मुख्य कार्यक्रम आज जबलपुर के गैरिसन ग्राउंड में आयोजित किया गया। यहां उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की उपस्थिति में करीब १५ हजार लोगों के साथ योगाभ्यास किया। यह पहला अवसर था जब अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर देश के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन मध्यप्रदेश में किया गया और इसकी मेजबानी का गौरव महर्षि जबाली की तपोभूमि जबलपुर को प्राप्त हुआ। राष्ट्रीय स्तर के इस कार्यक्रम को ऐतिहासिक बनाने के लिये संस्कारधानी जबलपुर और पूरे जिले के निवासियों ने जबरदस्त उत्साह दिखाया और एक साथ डेढ़ लाख से अधिक लोगों ने अलग-अलग स्थानों पर योगाभ्यास कर नया इतिहास रचा ।
जिले भर में हुये कार्यक्रम
गैरिसन ग्राउंड में देश के मुख्य कार्यक्रम के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस पर सामूहिक योगाभ्यास के कार्यक्रम शहर के सभी सार्वजनिक स्थलों, खुले मैदानों, उद्यानों, स्कूल-कॉलेजों एवं ऐतिहासिक तथा पुरामहत्व के स्थलों में भी आयोजित किये गये । भेड़ाघाट में पंचवटी घाट, माँ नर्मदा के तट पर बसे ग्वारीघाट, मदन महल की पहाड़ी, बरगी बांध जैसे पर्यटन एवं धार्मिक स्थलों में योगाभ्यास के कार्यक्रम हुये । जिले के ग्रामीण क्षेत्र में ग्राम पंचायत स्तर तक गैरिसन ग्राउंड के राष्ट्रीय कार्यक्रम से दूरदर्शन और आकाशवाणी से प्रसारित संदेशों पर योगाभ्यास किया गया । इनमें समाज के सभी वर्ग और हर आयु वर्ग के लोग शामिल हुये । घरों और आंगन में भी जिसे जहाँ जगह मिली वहां योग का अभ्यास लोगों ने किया ।