एंटरटेनमेंट डेस्क, बांधवभूमि। देशभर में आज विजयदशमी का पर्व मनाया जा रहा है। बुराई पर अच्छाई की जीत के उपलक्ष्य में यह त्योहार मनाया जाता है। दशहरे के इस खास मौके पर राष्ट्रपति से लेकर प्रधानमंत्री और फिल्मी सितारों ने शुभकामनाएं दी हैं। रावण दहन के मौके पर हम आपको उस अभिनेता के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्हें आज भी लोग रावण ही समझते हैं। इस किरदार को अरविंद ने कुछ इस कदर जीवंत कर दिया कि रावण की छवि में लोग अरविंद त्रिवेदी को ही देखते हैं। रामायण में राम का किरदार निभाने वाले अरुण गोविल के बारे में तो अक्सर यहां-वहां खबरें मिल ही जाती है, लेकिन रावण के किरदार में नजर आए अरविंद त्रिवेदी के बारे में लोग कम ही जानते हैं।रामानंद सागर के धारावाहिक रामायण में लंकापति रावण का रोल निभाकर अरविंद त्रिवेदी ने खासी लोकप्रियता बटोरी थी। अरविंद मूल रुप से मध्य प्रदेश के शहर इंदौर से ताल्लुक रखते हैं। अरविंद के बड़े भाई उपेंद्र त्रिवेदी गुजराती थियेटर के जाने माने आर्टिस्ट रहे। भाई को देखकर ही अरविंद ने एक्टिंग करने की सोची।
रावण के रोल ने उन्हें इस कदर सफलता की बुलंदियों पर पहुंचाया कि लोग उन्हें असल जिंदगी में रावण समझने लगे थे। एक इंटरव्यू में अरविंद त्रिवेदी ने बताया था- मैं केवट के रोल के लिए ऑडिशन देने गया था लेकिन रामानंद सागर ने मुझे रावण के लिए चुन लिया। उन्होंने बताया था- सबका ऑडिशन होने के बाद मुझे बुलाया गया था। उन्होंने मुझे एक स्क्रिप्ट दी।स्क्रिप्ट पढ़ने के बाद मैं अभी कुछ कदम ही चला था कि रामानंद जी ने खुशी से चहकते हुए कहा, “बस, मिल गया मुझे मेरा लंकेश। यही है मेरा रावण।” मैं चौंककर इधर-उधर देखने लगा कि मैंने तो डायलॉग भी नहीं बोले और यह क्या हो गया? जब मैंने उनसे पूछा, तो वह बोले, “मुझे मेरा रावण ऐसा चाहिए, जिसमें सिर्फ शक्ति ही न हो, बल्कि भक्ति भी हो। वह विद्वान है, तो उसके चेहरे पर तेज हो। अभिमान हो और मुझे सिर्फ तुम्हारी चाल से ही यह विश्वास हो गया कि तुम इस किरदार के लिए सही हो।”
अरविंद त्रिवेदी ने बताया था- इस सीरियल के बाद मैं लोगों के लिए अरविंद त्रिवेदी नहीं, लंकापति रावण हो गया था। मेरे बच्चों को लोग रावण के बच्चे और मेरी पत्नी को मंदोदरी के नाम से पुकारने लगे थे। मैंने कभी नहीं सोचा था कि रावण का किरदार निभाकर मैं इतना मशहूर हो जाऊंगा। सिर्फ भारत ही नहीं, बल्कि विदेश में भी लोग मुझे जानेंगे। मेरा नाम याद रखेंगे, मैंने कभी नहीं सोचा था। जिस दिन सीरियल में रावण मारा गया था, उस दिन मेरे गांव में लोगों ने शोक मनाया था और आज भी मनाते हैं।
आपको जानकर आश्चर्य होगा कि लंकेश यानी अरविंद त्रिवेदी ने लगभग 300 फिल्मों में काम किया है। गुजराती भाषा की धार्मिक और सामाजिक फिल्मों से उन्हें गुजराती दर्शकों में पहचान मिली। 1991 में वो बीजेपी की टिकट से गुजरात की साबरकांठा सीट से चुनाव लड़े और सांसद बन गए। अब इनकी उम्र 81 साल है। इसलिए एक्टिंग से दूर हो चुके हैं। दशहरा यानी विजयादशमी के त्योहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। इस दिन जगह जगह रावण के पुतले का दहन होता है। रावण एक ऐसा किरदार है जिसके बारे में माना जाता है कि खलनायक होने के साथ साथ बहुत बड़ा विद्वान था। पर्दे पर दशानन के किरदार को निभाने के लिए हमेशा एक दमदार अभिनेता की खोज की गई। इनमें से कुछ कलाकारों ने अपने अभिनय से जबरदस्त छाप छोड़ी।
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