लैम्पस प्रबंधक रामसुवन के घर ईओडब्ल्यू की दबिश मे हो रहे खुलासे
मानपुर/रामाभिलाष त्रिपाठी। जनपद मुख्यालय के समीपस्थ ग्राम पतौर मे विके्रता से लैम्पस प्रबंधक बने रामसुवन गुप्ता के घर कल ईओडब्ल्यू की टीम ने दबिश दी है। इस कार्यवाही मे करोड़ों की संपत्ति का खुलासा हुआ है। जानकारी के मुताबिक रीवा से आई टीम मे निरीक्षक प्रवीण चतुर्वेदी, सज्जन सिंह परिहार, उप निरीक्षक आशीष मिश्रा, सीएल रावत, गरिमा त्रिपाठी, संतोष कुमार पांडे, आरक्षक घनश्याम त्रिपाठी, रामजी पांडे, सत्यनारायण मिश्रा, पुष्पेंद्र पटेल, धनंजय सिंह, महिला आरक्षक पूनिका सिंह आदि शामिल हंै। जिन्होने गुरूवार की सुबह 6 बजे अचानक पतौर स्थित गुप्ता के निजी मकान मे प्रवेश किया। अब तक हुई कार्यवाही मे प्रबंधक व उसके परिजनो के नाम से लाखों की नगदी, जेवरात, बीमा, भूमि तथा अन्य संबंधी दस्तावेज मिले हैं। अधिकारियों ने बताया है कि रामसुमन गुप्ता के विरूद्ध आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की शिकायत पर मामला पंजीबद्ध किया गया है। इसी के तहत यह कार्यवाही की जा रही है। गौरतलब है कि किसी जमाने मे बेहद गरीबी का जीवन व्यतीत करने वाला रामसुवन सबसे पहले सेल्समैन का कार्य करता था धीरे-धीरे जुगाड़ जमा कर वह लैम्पस प्रबंधक बन गया। उसके बाद से उसने अकूत धन-संपत्ति एकत्रित कर ली। समझा जाता है कि यह पैसा उसके द्वारा गरीबो के राशन मे धांधली कर के कमाया गया है।
भाई पर भी फर्जीवाड़े का आरोप
सेवा सहकारी समिति सिगुड़ी के लैम्पस प्रबंधक रामसुवन गुप्ता के भाई संतोष गुप्ता पर भी धांधली के कई आरोप है। बताया गया है कि संतोष की भर्ती पूर्व मे चपरासी के पद पर हुई थी जो फर्जी मार्कशीट के आधार पर सोसायटी के वरिष्ठ अधिकारियों की मिलीभगत से गढ़पुरी समिति का लैम्पस प्रबंधक बन गया। फर्जी तरीके से नौकरी हथियाने के इस मामले की कई बार शिकायतें की गई है परंतु पैसे और रसूख के कारण संतोष गुप्ता के खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की गई है।
विक्रेता से लैम्पस प्रबंधक बन जोड़ी अकूत संपदा
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