लोक अदालत मे उपभोक्ताओं को मिलेगी राहत

विद्युत विभाग के कार्यपालन यंत्री ने दी जानकारी
उमरिया। विद्युत मण्डल के कार्यपालन यंत्री एलके नामदेव ने बताया है कि आगामी 12 दिसंबर 2020 को आयोजित नेशनल लोक अदालत मे लंबित बिलों का निराकरण आपसी समझौते के आधार पर होगा। उन्होने बताया कि विद्युत अधिनियम 2003 की धारा 135, 138 एवं 126 के तहत, न्यायालयों मे लंबित व न्यायालय मे दर्ज नहीं हो सके तथा ऐसे प्रकरण जिनमे उपभोक्ता द्वारा अपीलीय कमेटी के समक्ष आपत्ति, अपील प्रस्तुत नहीं की गई है, मे प्रीलिटिगेशन के माध्यम से निराकरण कराने पर निम्नदाब श्रेणी के उपभोक्ताओं को छूट दी जायेगी। यह छूट समस्त घरेलू, समस्त कृषि, 5 किलोवाट भार तक के गैर घरेलू, 10 अश्व शक्ति भार तक के औद्योगिक के प्रकरणो मे दी जाएगी। उन्होने बताया कि प्री-लिटिगेशन स्तर पर-कपनी द्वारा आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 40 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान में चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश (126 के प्रकरणों में अंतिम निर्धारण आदेश) जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात प्रत्येक छमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि पर 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। इसी तरह लिटिगेशन स्तर पर कंपनी द्वारा आकलित सिविल दायित्व की राशि पर 25 प्रतिशत एवं आंकलित राशि के भुगतान मे चूक किये जाने पर निर्धारण आदेश जारी होने की तिथि से 30 दिवस की अवधि समाप्त होने के पश्चात् प्रत्येक छमाही चक्रवृद्धि दर अनुसार 16 प्रतिशत प्रतिवर्ष की दर से लगने वाले ब्याज की राशि मे 100 प्रतिशत की छूट दी जावेगी। ईई श्री नामदेव ने कहा कि लोक अदालत मे मामलों का निराकरण कराने से कई प्रकार की राहत उपभोक्ताओं को मिस सकेगी। उन्होने नागरिकों से ऐसे सभी प्रकरणो का निराकरण 12 दिसंबर 2020 को आयोजित नेशनल लोक अदालत मे कराने का आग्रह किया है।

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