लैंडस्लाइड मे धंसा आर्मी कैंप, 13 जवान शहीद

मणिपुर की टेरिटोरियल आर्मी के 30 से 40 जवान मिट्टी मे दबे

मणिपुर। मणिपुर में कई दिनों से जारी बारिश की वजह से लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आ रही है। बुधवार रात नोनी जिले के तुपुल रेलवे स्टेशन के पास हुए लैंडस्लाइड की चपेट में 107 टेरिटोरियल आर्मी का कैंप आ गया। इस हादसे के बाद दर्जनों जवान मिट्टी में दब गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब तक 13 जवानों के शव बाहर निकाले जा चुके हैं, जबकि 19 जवानों को रेस्क्यू किया गया है। वहीं, 30-40 से ज्यादा अभी दबे हुए हैं। पीएम मोदी ने मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह से बात कर स्थिति की जानकारी ली और केंद्र की ओर से हर संभव मदद का आश्वासन दिया। बीरेन सिंह ने इस हादसे को लेकर एक इमरजेंसी मीटिंग बुलाई है। घायलों की मदद के लिए डॉक्टरों की एक टीम मौके पर रवाना हो गई है।

आम लोगों के भी दबे होने की आशंका

घायलों को इलाज के लिए नोनी आर्मी मेडिकल यूनिट लाया गया है। भूस्खलन के वजह से इजाई नदी का प्रवाह प्रभावित हुआ है। यह नदी तामेंगलोंग और नोनी जिलों से होकर बहती है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, कुछ नागरिकों के भी मलबे में दबे होने की आशंका है।एक अधिकारी का कहना है कि खराब मौसम की वजह से रेस्क्यू मिशन में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। सेना के हेलिकॉप्टर भी मौके पर पहुंच चुके हैं।

निचले इलाकों में तबाही का खतरा
जिला प्रशासन आस-पास के ग्रामीणों को सावधानी बरतने और जल्द से जल्द जगह खाली करने की एडवाइजरी जारी की है। एडवाइजरी में कहा गया है कि मलबे की वजह से इजाई नदी ब्लॉक हो गई है। जिससे एक ही जगह पर जल भराव के कारण बांध जैसी स्थिति बन गई है। अगर यह टूट गया तो निचले इलाकों में और ज्यादा तबाही मच सकती है।असम और मणिपुर समेत पूर्वोत्तर के कई राज्यों में लगातार बारिश से बाढ़ के हालात बने हुए हैं। असम में तो 10 दिनों में अब तक करीब 135 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि लाखों लोग प्रभावित हैं। वहीं, मौसम विभाग के मुताबिक, अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर और सिक्किम में आगे भी बारिश के आसार बने हुए हैं।

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