लद्दाख मे भारत-चीन फिर आमने-सामने

पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने अब पैंगॉन्ग लेक के उत्तरी इलाके मे बढ़ाये सैनिक
नई दिल्ली। लद्दाख में पैंगॉन्ग सो लेक के दक्षिणी इलाके में भारतीय जवानों से मात खाने बाद चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी अब उत्तरी इलाके में अपने सैनिक बढ़ा रही है। यहां नया निर्माण भी किया जा रहा है और ट्रांसपोर्टेशन के साधन जुटाए जा रहे हैं, लेकिन भारतीय सैनिक इस जगह से इतने करीब हैं कि वे चीन की हर हरकत पर नजर रख रहे हैं। इस बीच, भारत और चीन की सेना के बीच बुधवार को ४ घंटे तक ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत हुई। सहमति बनी है कि दोनों तरफ से कॉप्र्स कमांडर चर्चा करेंगे। पैंगॉन्ग का उत्तरी इलाका आठ अलग-अलग ङ्क्षफगर एरिया में बंटा है। भारत का दावा है कि लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) ङ्क्षफगर आठ से शुरू होती है और ङ्क्षफगर चार तक जाती है। चीनी सेना एलएसी को नहीं मान रही। चीन के सैनिक ङ्क्षफगर चार के पास डटे हुए हैं। वे ङ्क्षफगर पांच से आठ के बीच निर्माण कर रहे हैं।
दक्षिणी इलाके की दो अहम चोटियों पर भारतीय सैनिक डटे
७ सितंबर को दक्षिणी इलाके में चीनी सैनिकों ने भारतीय पोस्ट की तरफ बढ़ने की कोशिश की थी और चेतावनी के तौर पर फायङ्क्षरग की थी। यहां पर भारत के सैनिकों ने उन्हें रोक दिया था। इस घटना की तस्वीर भी सामने आई है, जिसमें चीन के सैनिक भाला, रॉड और धारदार हथियार लिए नजर आए। भारत ने कहा था कि जब चीनी सैनिकों को उन्होंने अपनी पोस्ट की तरफ आने से रोका तो उन्होंने हवाई फायर भी किए थे। जबकि, इससे पहले चीन कह रहा था कि फायङ्क्षरग भारतीय जवानों ने की है। भारतीय जवान इस इलाके की दो अहम चोटियों पर डटे हैं और चीन कई बार भारत को इस पोजिशन से हटाने की कोशिश कर चुका है।
दो बार साजिशों को
किया नाकाम
भारतीय और चीनी सैनिक दो हफ्तों में दो बार आमने-सामने आए हैं। ३१ अगस्त की दोपहर भी चीन सेना ने भारतीय इलाके पर कब्जे की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने रोका था। २९-३० अगस्त की रात चीन की साजिशों को नाकाम करते हुए भारतीय सेना ने पैंगॉन्ग झील के दक्षिणी हिस्से में मौजूद अहम चोटियों, ब्लैक टॉप और हेलमेट टॉप पर कब्जा कर लिया था।
लद्दाख सीमा पर दोनो देशों के बीच जून से तनाव
भारत और चीन के बीच इस साल जून से ही तनाव जारी है। गलवान घाटी में १५ जून की रात भारत और चीन के सैनिकों के बीच ङ्क्षहसक झड़प हुई थी। चीन के सैनिकों ने रात के समय कांटेदार तारों से लिपटे रॉड और डंडों से भारतीय सैनिकों पर हमला किया था। इसमें भारत के २० सैनिक शहीद हुए थे। चीन के भी ४० सैनिकों के मारे जाने की खबरें आई थीं। इसके बाद से ही दोनों देशों की ओर से सैन्य स्तर पर तनाव करने के लिए बातचीत हो रही है। हालांकि, कई चरणों की बातचीत के बाद भी अब तक कोई हल नहीं निकल सका है।

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