लक्ष्य एवं परिणाम तक जाना सुशासन

सुशासन दिवस पर कार्यशाला मे कलेक्टर ने अधिकारियों को कराया दायित्वों का बोध

लक्ष्य एवं परिणाम तक जाना ही सुशासन है। शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन जिला स्तर पर कार्य करने वाले अमले द्वारा होता है। अत: हर अधिकारी और कर्मचारी को अपने कर्तव्य का बोध होना चाहिये। शासन द्वारा तय उद्देश्यों को पूर्ण करना, लोगों की अपेक्षाओं पर खरा उतरना तथा योजनाओं का लाभ पात्र हितग्राहियों को दिलाना सभी का पहला दायित्व है। उक्त आशय के उद्गार सुशासन दिवस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एवं कलेक्टर कृष्णदेव त्रिपाठी ने व्यक्त किये।
बांधवभूमि, उमरिया
सुशासन दिवस पर कार्यशाला का आयोजन गत दिवस कलेक्ट्रेट सभागार मे किया गया। कार्यक्रम मे अपना विजन रखते हुए कलेक्टर कृष्णदेव त्रिपाठी ने कहा कि हमे सरकार के सिस्टम मे काम करने का अवसर मिला, यह सौभाग्य की बात है। इस अवसर का लाभ उठाते हुए सभी को जन सेवा का दायित्व निभाना चाहिए। सुशासन दिवस पर हमे विचार करना चाहिए कि हम जिस विभाग के लिए काम कर रहे है, उनकी किन योजनाओं मे पिछड़े हुए है। पिछडऩे के कारण क्या हैं, जिसकी वजह से यह स्थिति निर्मित हुई, उन पर जवाबदारी तय की जानी चाहिए। कार्यक्रम मे अपर कलेक्टर मिषा सिंह, सीईओ जिला पंचायत इला तिवारी, जिला प्रबंधक लोक सेवा गारंटी शुभांगी मित्तल, सीएम फैलो रूपल जैन, स्किल डवलपमेंट फैलों सृष्टि चौकसे, जिला प्रबंधक एनआरएलएम, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास विभाग, जिला शिक्षा अधिकारी, महाप्रबंधक उद्योग विभाग सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।
संवेदनशीलता से हो जिम्मेदारी का निर्वहन: अपर कलेक्टर
अपर कलेक्टर मिषा सिंह ने कहा कि हर शासकीय सेवक को अपने जिम्मेदारी का निर्वहन संवदेनशीलता एवं सहनशीलता के साथ करना चाहिए। शासन द्वारा बनाई जाने वाली योजनाओं के क्रियान्वयन हेतु समय सीमा भी तय की जाती है। हमे उसी समय सीमा मे अपने काम को पूरा कर लेना चाहिए। हर काम को पूरा करने के लिए समय पर निर्णय लिया जाना चाहिए। वर्तमान समय में शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन मे तकनीकों के प्रयोग मे काम को सरल बना दिया है, लेकिन इसका अर्थ यह नही है कि हम आत्म अवलोकन नही करें।
दायित्वों का ज्ञान जरूरी:इला तिवारी
जिला पंचायत सीईओ इला तिवारी ने कहा कि सभी को अपने जिम्मेदारी एवं दायित्वों का ज्ञान होना चाहिए। अन्त्योदय की मदद की भावना से काम करने पर स्वमेव ही समस्याओं का निराकरण एवं लक्ष्य की प्राप्ति हो जाएगी। कार्यशाला मे सीएम फैलों रूपल जैन ने पावर प्वाइंट प्रेजेनटेशन के माध्यम से शासन की विभिन्न योजनाओं पोषण अभियान, टीकाकरण, स्वास्थ्य योजनाओं, लोक सेवा केंद्रों के संचालन, स्ट्रीट वेण्डर योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना के फीड बैक के अनुभव बताए। इसी तरह कौशल उन्नयन फैलों सृष्टि चौकसे ने स्वरोजगार के अवसरों को बढाने तथा जिले के युवाओं को अपने सपनों मे खरा उतरने हेतु स्कूल स्तर से ही काउंसलिंग करने का सुझाव दिया। कार्यक्रम का संचालन करते हुए सुशील मिश्रा ने बताया कि कोरोना काल के दौरान स्कूलों का संचालन नही होने से प्राथमिक कक्षाओं के बच्चों का शैक्षणिक स्तर अत्यंत न्यून है। डाईट के मध्यम से विद्यार्थियों एवं शिक्षकों के शैक्षणिक गुणवत्ता को बढ़ाने हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रमों का अयोजन किया जा रहा है। स्व सहायता समूह की सदस्यों माधुरी विश्वकर्मा, पुष्पा कुषवाहा ने अपने अनुभव शेयर किए। जिला प्रबंधक लोक सेवा गारंटी शुभांगी मित्तल द्वारा आभार व्यक्त किया गया।
कलेक्टर ने दिलाई सुशासन की शपथ
सुशासन दिवस पर कलेक्टर डॉ. कृष्णदेव त्रिपाठी ने संयुक्त कलेक्ट्रेट परिसर में सभी शासकीय सेवकों को सुशासन की शपथ दिलाई। इस मौके पर उपस्थित जनो ने सुशासन के उच्च्तम मापदंडों को स्थापित करने के लिए सदैव संकल्पित रहने, शासन को अधिक पारदर्शी सहभागी, जनकल्याण केन्द्रित, तथा जवाबदेह बनाने के लिये हरसंभव प्रयास, प्रदेश के नागरिकों के जीवन स्तर में सुधार लाने के लक्ष्य को पाने के, लिये सदैव तत्पर रहने की शपथ ली गई।

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