चंदिया आंदोलन मे शामिल लोगों पर कार्यवाही, सैकड़ों के नाम कटे समन
बांधवभूमि, उमरिया
जिले के चंदिया स्टेशन पर विगत मांह ट्रेनो के स्टापेज को लेकर हुए रेल रोको आंदोलन मामले मे जीआरपी ने कार्यवाही शुरू कर दी है। जानकारी के मुताबिक इसे लेकर रेलवे सुरक्षा बल पोस्ट शहडोल, चौकी उमरिया मे दिनांक 21 सितंबर 2022 को अपराध क्रमांक 280/2022 दर्ज किया गया है, जिसके तहत लोगों को नोटिस थमाये जा रहे हैं। चौकी प्रभारी के हस्ताक्षर से जारी उक्त नोटिस मे संबंधित व्यक्ति को अपना बयान दर्ज कराने हेतु तलब किया गया है। सांथ ही ऐसा नहीं करने पर धारा 174 के तहत दण्डित करने की बात कही गई है। इस संबंध मे हलांकि रेलवे अधिकारियों ने किसी भी तरह की जानकारी देने से इंकार किया है, लेकिन कई लोगों ने रेलवे पुलिस की नोटिस मिलने की पुष्टि की है।
इस तरह बनाये जा रहे आरोपी
सूत्रों के मुताबिक रेलवे पुलिस द्वारा रेल रोको आंदोलन मे शामिल क्षेत्र वासियों को धीरे-धीरे समन जारी किये जा रहे है। इसके लिये घटना दिवस की वीडियो और फोटोग्राफ खंगाले जा रहे हैं। जानकारों का कहना है कि आंदोलनकारियों की पहचान मे समय लगने के कारण सभी लोगों को एक सांथ नोटिस जारी नहीं हो पा रहे हैं। अनुमान है कि इस प्रकरण मे करीब 200 के आसपास लोगों के विरूद्ध मामला दर्ज किया जा सकता है।
इस वजह से हुआ आंदोलन
उल्लेखनीय है कि रेलवे की उपेक्षा और चंदिया मे कोरोना महामारी से पूर्व रूकने वाली ट्रेनो का ठहराव यथावत करने की मांग को लेकर आंदोलन की मांग काफी दिनो से उठ रही थी। इसके लिये क्षेत्रीय जन संघर्ष समिति गठित की गई। जिसकी अगुवाई मे पहले तो कई ज्ञापन सौंपे गये। जिन पर कोई कार्यवाही न होने के बाद 5 सितंबर 22 से रेलेवे स्टेशन के समीप क्रमिक अनशन प्रारंभ कर दिया गया। इस पर भी जब बात नहीं बनी तो समिति ने रेल रोकने की घोषणा कर दी।
हजारों की संख्या मे जुटे थे आंदोलनकारी
क्षेत्रीय जन संघर्ष समिति के आह्वान पर तय तारीख 20 सितंबर 2022 को हजारों नागरिकों (जिनमे, महिला, बुजुर्ग और बच्चे भी शामिल थे) ने स्टेशन की ओर कूच किया। जहां प्रशासन, रेलवे के अधिकारी और भारी मात्रा मे सुरक्षा बल पहले से ही मौजूद थे। हजारों की संख्या मे उमड़ी भीड़ को रोकना किसी के बस मे नहीं था। लिहाजा थोड़ी ही देर मे लोग ट्रैक पर जा पहुंचे और गाडिय़ों का आवागमन बाधित कर दिया। रात मे जिला व रेल प्रशासन तथा आंदोलनकारियों के बीच सहमति के बाद हड़ताल समाप्त कर दी गई।
रेलवे का रवैया निराशाजनक
दोनो पक्षों के बीच चर्चा एवं रेलवे के आश्वासन के बाद रेल रोको आंदोलन समाप्त हुआ था। जनता के सांथ किये गये वादे अभी तक पूरे नहीं किये गये हैं। ऊपर से लोगों पर प्रकरण दर्ज किये जा रहे हैं। रेलवे का यह रवैया बेहद निराशाजनक है।
मिथिलेश मिश्रा
क्षेत्रीय जन संघर्ष समिति, चंदिया
रोज बढ़ रहे ‘रेल रोको’ के आरोपी
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