वन विभाग ने दर्ज किया केस, आरोपी की तलाश जारी
कटनीएक ।वीडियो रील बनाकर सोशल मीडिया पर पोस्ट करने के लिए एक युवक ने राष्ट्रीय पक्षी मोर के पंख उखाड़ दिए। उसके साथी ने वीडियो बनाया और सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया। वीडियो वायरल होने के बाद वन विभाग ने अज्ञात पर केस दर्ज किया है। आरोपी का पता नहीं चला है।मामला मध्यप्रदेश के कटनी का है। वायरल वीडियो में मोर के साथ एक युवक और युवती बैठे नजर आ रहे हैं। एक अन्य युवक भी नजदीक ही ऊंचाई पर बैठा दिख रहा है। वीडियो में युवक मोर के पंख उखाड़ रहा है। वह हंसते हुए कैमरे के सामने देख रहा है।
रीठी क्षेत्र में दिखा आरोपी
वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि ये युवक जिले के रीठी क्षेत्र में दिखाई दिया है। इसलिए वहां तलाश शुरू की। वहीं वीडियो में जो बाइक दिख रही है, उसका मालिक परिवहन विभाग के रजिस्ट्रेशन नंबर के अनुसार डिंडौरी निवासी जयमनीषा बिहिलया है। विभाग वाहन मालिक से भी संपर्क करने की कोशिश कर रहा है। आरोपी युवक का पता लगाकर उसकी गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं। वन विभाग के अलावा पुलिस भी इस मामले की जांच कर रही है।
गुजरात के एनजीओ से मिला वीडियो
रविवार को डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट (DFO) ऑफिसर गौरव शर्मा ने बताया कि दो दिन पहले गुजरात के एक NGO ने हमें ये वीडियो भेजा था। इंस्टाग्राम पर ये वीडियो युवक ने अपलोड किया था। सूचना मिलने के बाद हमने कार्रवाई शुरू कर दी। SP को भी इसकी जानकारी दी। उसके खिलाफ वन्य जीव संरक्षण कानून के तहत एक्शन लिया जाएगा।
रविवार को डिस्ट्रिक्ट फॉरेस्ट (DFO) ऑफिसर गौरव शर्मा ने बताया कि दो दिन पहले गुजरात के एक NGO ने हमें ये वीडियो भेजा था। इंस्टाग्राम पर ये वीडियो युवक ने अपलोड किया था। सूचना मिलने के बाद हमने कार्रवाई शुरू कर दी। SP को भी इसकी जानकारी दी। उसके खिलाफ वन्य जीव संरक्षण कानून के तहत एक्शन लिया जाएगा।
क्या है वन्य जीव संरक्षण कानून
पशु-पक्षियों पर अत्याचार रोकने के लिए भारत सरकार ने साल 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम पारित किया था। इसका मकसद वन्य जीवों के अवैध शिकार, मांस और खाल के व्यापार पर रोक लगाना था। इसमें साल 2002 में संशोधन किया गया, जिसका नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण (संशोधित) अधिनियम 2002 रखा गया। इसमें दंड और जुर्माना को और भी सख्त कर दिया गया है।
पशु-पक्षियों पर अत्याचार रोकने के लिए भारत सरकार ने साल 1972 में भारतीय वन्य जीव संरक्षण अधिनियम पारित किया था। इसका मकसद वन्य जीवों के अवैध शिकार, मांस और खाल के व्यापार पर रोक लगाना था। इसमें साल 2002 में संशोधन किया गया, जिसका नाम भारतीय वन्य जीव संरक्षण (संशोधित) अधिनियम 2002 रखा गया। इसमें दंड और जुर्माना को और भी सख्त कर दिया गया है।
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