इंफाल। मणिपुर पुलिस के द्वारा रोकने के एक दिन बाद कांग्रेस नेता और पूर्व सांसद राहुल गांधी ने शुक्रवार को मोइरांग में राहत शिविरों का दौरा किया। यहां उन्होंने जातीय हिंसा से प्रभावित लोगों से मुलाकात की। मणिपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कीशम मेघचंद्र सिंह ने कहा कि राहुल हेलीकॉप्टर से मोइरांग गए और इंफाल लौटकर समान विचारधारा वाले 10 पार्टी नेताओं और नागरिक समाज संगठनों के सदस्यों से मुलाकात करने वाले हैं। वह यूनाइटेड नागा काउंसिल (यूएनसी) के नेताओं, प्रभावशाली महिला निकायों, प्रमुख नागरिकों और बुद्धिजीवियों से भी बातचीत करने वाले हैं। इसके पहले गुरुवार को वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने इंफाल पश्चिम जिले और चुराचांदपुर में राहत शिविरों का दौरा किया था, जहां विस्थापित लोगों ने हिंसा के बाद शरण ली है। जातीय हिंसा में कम से कम 120 लोग मारे गए हैं, 400 से अधिक घायल हुए हैं। इस जातीय हिंसा में बड़ी संख्या में संपत्तियां, घर, वाहन और महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान नष्ट हो गए हैं। कांग्रेस नेता सिंह ने कहा, दोनों जिलों में राहुल गांधी ने लोगों की परेशानी सुनी। उन्होंने बताया कि कांग्रेस नेता ने इंफाल में राहत शिविर में ही रात का खाना खाया। इससे पहले राहुल गांधी जब गुरुवार को सड़क मार्ग से बिष्णुपुर के लिए रवाना हुए, तब उनके काफिले को बिष्णुपुर के एसपी के नेतृत्व में पुलिस की एक बड़ी टुकड़ी ने कानून और व्यवस्था का हवाला देकर इंफाल से लगभग 20 किमी दूर रोक दिया। राहुल गांधी ने ट्वीट किया, मैं मणिपुर के अपने सभी भाइयों और बहनों से मिलने आया हूं। सभी समुदायों के लोग बहुत प्यार करने वाले हैं। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि सरकार मुझे रोक रही है। मणिपुर को हीलिंग टच की जरूरत है। शांति ही हमारी एकमात्र प्राथमिकता होनी चाहिए। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे समेत तमाम शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने मणिपुर पुलिस की कार्रवाई की निंदा की है। कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के निर्देश पर मणिपुर पुलिस ने राहुल गांधी को बिष्णुपुर जिले का दौरा करने से रोक दिया।
राहुल गांधी ने मणिपुर के मोइरांग में राहत शिविरों का दौरा किया
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