सूरत कोर्ट से भी मिली जमानत, 2019 मे कहा था- सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों
नई दिल्ली/सूरत।सूरत कोर्ट ने गुरुवार को सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है… इस बयान से जुड़े मानहानि केस में राहुल गांधी को दोषी करार दिया। इस फैसले के 27 मिनट बाद कोर्ट ने उन्हें 2 साल की जेल की सजा सुनाई और 15 हजार का जुर्माना भी लगाया। हालांकि इसके कुछ देर बाद कोर्ट ने उन्हें जमानत भी दे दी। लेकिन इस घटना क्रम में बाद विपक्ष ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया। इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया। उधर राहुल गांधी इस मामले में अपील करेंगे। यदि राहत नहीं मिली तो वे जेल जाएंगे, लेकिन माफी नहीं मांगेंगे। इससे उन्होंने भाजपा की चिंता बढ़ा दी है। वहीं भाजपा का एक बड़ा वर्ग राहुल की लोकसभा की सदस्यता निरस्त करने का दबाव बना रहा है। इसको लेकर देश की राजनीति गर्मा गई है। राहुल पर पिछले 4 साल से मानहानि का मामला चल रहा था। कोर्ट ने 17 मार्च को इस मामले में सभी दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। राहुल ने कोर्ट में अपना पक्ष रखा। उनके वकील के मुताबिक, राहुल ने कहा कि बयान देते वक्त मेरी मंशा गलत नहीं थी। मैंने तो भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठाई थी। उधर, कोर्ट के बाहर विधायक और याचिकाकर्ता पूर्णेश मोदी और उनके समर्थकों ने भारत माता की जय और जय श्रीराम के नारे लगाए। सूरत की कोर्ट के फैसले के मामले में राहुल गांधी ने महात्मा गांधी की बात को कोट करते हुए लिखा, मेरा धर्म सत्य और अहिंसा पर आधारित है। सत्य मेरा भगवान है, अहिंसा उसे पाने का साधन।
राहुल पर झारखंड में हंगामा
सूरत की अदालत ने फैसला आने के बाद कांग्रेस भाजपा पर हमलावर है। दिल्ली से लेकर अन्य राज्यों में भी कांग्रेस पार्टी पीएम मोदी और भाजपा के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रही है। इसी कड़ी में कांग्रेस विधायकों ने झारखंड विधानसभा में हंगामा किया उन्होंने कोर्ट के फैसले के लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराया। कांग्रेस विधायक जोर-जोर से नारे लगाते हुए सदन के वेल में आ गए और भाजपा की हिटलरशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लगाए। साथ ही भाजपा विधायकों ने कांग्रेस नेताओं के खिलाफ नारे लगाए और वो भी विधानसभा की वेल में आ गए। मामला बढ़ता देख अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो ने विधायकों को अपनी सीटों पर बैठने को कहा लेकिन उनका अनुरोध अनसुना कर दिया। इसके बाद उन्होंने सदन को दोपहर 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। दोपहर करीब 12.35 बजे सदन फिर से शुरू हुआ, लेकिन कांग्रेस विधायकों के हंगामे के कारण सिर्फ दस मिनट बाद इसे फिर से दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया। कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सदन में प्रश्न में इस मुद्दे को उठाया और भाजपा की निंदा की। उन्होंने कहा कि क्या लोकतंत्र में आवाज उठाना अपराध है? भाजपा ने लोकतंत्र का गला घोंट दिया है और देश में अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार छीनने की कोशिश कर रही है। इसकी इजाजत नहीं दी जाएगी। हम इसकी निंदा करते हैं। कांग्रेस के अन्य सदस्यों ने उनकी बात का समर्थन किया और सदन के वेल में उनके साथ आ गए।
गैर-भाजपाईयों को बनाया साजिश का शिकार
झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सजा को लोकतंत्र के लिए चिंता का विषय बताया और आरोप लगाया कि गैर-भाजपा सरकारों और नेताओं को साजिश का शिकार बनाया जा रहा है। सीएम सोरेन ने कहा कि हालांकि उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है, लेकिन वह 2019 में कांग्रेस नेता को उनकी मोदी सरनेम वाली टिप्पणी को लेकर दायर आपराधिक मानहानि मामले में सजा सुनाए जाने के फैसले के खिलाफ हैं। सीएम सोरेन ने ट्वीट किया कि यह देश के लोकतंत्र और राजनीति के लिए चिंता का विषय है। धनतंत्र के सामने लोकतंत्र का कोई मूल्य नहीं है। वहीं कांग्रेस ने कहा है कि राहुल गांधी सूरत की अदालत के आदेश के खिलाफ अपील दायर करेंगे।
कानून और न्याय पर भरोसा
वहीं, कांग्रेस के राष्ट्रीय मल्लिकार्जुन खरगे ने अदालत के फैसले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि उन्हें जमानत मिल गई है। हम शुरू से जानते हैं कि वे जज बदलते रहे। हम कानून और न्यायपालिका में भरोसा रखते हैं और हम कानून के मुताबिक इसके खिलाफ लड़ेंगे। वहीं, राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, हम कहते रहे हैं कि हमारा लोकतंत्र खतरे में है, क्योंकि न्यायपालिका, चुनाव आयोग, ईडी पर दबाव है और उन सभी का दुरुपयोग किया जा रहा है। सभी फैसले प्रभाव में लिए जाते हैं। इस तरह की टिप्पणियां आम हैं..राहुल गांधी एक साहसी व्यक्ति हैं और केवल वही एनडीए सरकार के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकते हैं। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने अपने ट्वीट में प्रतिक्रिया देते हुए कहा, डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच बोलते हुए जिये हैं, सच बोलते रहेंगे। देश के लोगों की आवाज उठाते रहेंगे। सच्चाई की ताकत व करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है।
फैसले से सहमत नहीं: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, गैर बीजेपी नेताओं और पार्टियों पर मुकदमे करके उन्हें खत्म करने की साजिश हो रही है। हमारे कांग्रेस से मतभेद हैं, मगर राहुल गांधी को इस तरह मानहानि मुकदमे में फंसाना ठीक नहीं। जनता और विपक्ष का काम है सवाल पूछना। हम अदालत का सम्मान करते हैं, पर इस निर्णय से असहमत हैं। भारतीय राष्ट्रीय युवा कांग्रेस के प्रमुख श्रीनिवास बीवी ने अपने ट्वीट में कहा, अदालत से माफी की जगह, सजा को हंसते हंसते गले लगाया, राहुल गांधी ने अपना फर्ज निभाया..तानाशाह के खिलाफ जंग जारी है…इंकलाब जिंदाबाद।
अदाणी मामले से ध्यान हटाना चाहते हैं
वहीं, कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा, डिस्टोर्ट, डिफेम, डाइवर्ट- थ्रीडी। ये मैं प्रधानमंत्री की भाषा इस्तेमाल कर रहा हूं। उन्होंने राहुल गांधी के बयानों को डिस्टोर्ट (तोड़-मरोड़कर पेश करना) किया। उन्हें डिफेम (बदनाम करना) करने की कोशिश की और अब अडानी के मामले से डायवर्ट (ध्यान भटकाना) करना चाहते हैं। कांग्रेस सांसद रेवंत रेड्डी ने कहा, राहुल गांधी तानाशाही के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं। उनके पास यह कहने का साहस है कि जो गलत है वह गलत है। अत्याचारी इस साहस से घबराया हुआ है। हम लड़ेंगे और जीतेंगे।
राहुल को वाराणसी की कोर्ट से बड़ी राहत
उधर, राहुल गांधी को कैंब्रिज स्कूल में दिए गए बयान मामले में वाराणसी की कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (एमपी-एमएलए कोर्ट) उज्जवल उपाध्याय ने राहुल गांधी के खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज करने के लिए दाखिल परिवाद को खारिज दिया है। कोर्ट ने कहा कि परिवाद के अवलोकन से यह नहीं लगता कि राहुल गांधी का कथित वक्तव्य अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की विधि विहित परिधि का अतिक्रमण करता हो। संज्ञेय अपराध भी नहीं लगता है, इसलिए परिवाद पत्र खारिज किया जाता है।
विनोद कुमार उपाध्याय, 23 मार्च, 2023