एक और शर्मनाक हरकत , नायडू की भावुक अपील का भी नहीं दिखा असर
नई दिल्ली । संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में हंगामे ने पिछली बार बेहतर कामकाज के रिकॉर्ड पर धब्बा लगा दिया। राज्यसभा के सभापति वेंकैया नायडू की भावुक अपील का भी सदस्यों पर कोई असर नहीं हुआ। बुधवार को भी कागज फाड़कर उछाले गए। इसके बाद शाम को राज्यसभा की कार्यवाही भी अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले सुबह लोकसभा की बैठक अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दी गई थी। दोनों सदनों की बैठकें अनिश्चितकाल तक स्थगित होने का मतलब है कि अब संसद के मानसून सत्र का अवसान हो जाएगा। 19 जुलाई से शुरू हुआ यह सत्र 13 अगस्त तक चलना था, लेकिन हंगामे व व्यवधान के कारण यह दो दिन पहले ही खत्म हो गया। राज्यसभा में बुधवार को भी हंगामा होता रहा। विपक्ष के सदस्य वेल में जमा हो गए और नारे लगाने लगे। इसी दौरान कई सांसदों ने कागज फाड़ कर हवा में उछाले। बता दें कि राज्यसभा में मंगलवार को जब कृषि के मुद्दे पर चर्चा शुरू होने वाली थी तो विपक्षी सदस्यों के हंगामे के बीच कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा ने रूल बुक आसन की ओर फेंकते हुए देखा गया था।राज्यसभा के नेता व केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार को राज्यसभा में दिए बयान में कहा कि आज विपक्षी सदस्यों के इरादे पूरी तरह पता चले। उन्होंने पैनल चेयरमैन, टेबल स्टाफ व महासचिव पर हमले का प्रयास किया। एक निंदनीय घटना के तहत एक महिला सुरक्षा कर्मी का गला घोंटने का प्रयास किया गया। विपक्ष के सदस्यों ने मुझे व संसदीय कार्यमंत्री को रोकने का प्रयास किया। सदन में ऐसा व्यवहार कभी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। हम चाहते हैं कि एक विशेष समिति बनाई जाए, जो विपक्षी सदस्यों के घोर अनुशासनहीनता की जांच करे और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करे।
राज्यसभा में फिर उछाले गए कागज
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