राजस्व विभाग पर ग्रामीण लोगों की निर्भरता कम से कम हो: पीएम मोदी

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ग्रामीण विकास पर केंद्रीय बजट के सकारात्मक प्रभाव पर एक वेबिनार को संबोधित किया। यह इस सीरीज का दूसरा वेबिनार है। इस अवसर पर संबंधित केंद्रीय मंत्री, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि और अन्य हितधारक उपस्थित थे। प्रधानमंत्री ने इस बात को दोहराते हुए अपने संबोधन की शुरुआत में कहा कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास हमारी सरकार की पॉलिसी और एक्शन का प्रेरणा सूत्र है। प्रधानमंत्री ने कहा, “आजादी का अमृत काल के लिए हमारे वादों को सभी के प्रयासों से ही पूरा किया जाएगा और हर कोई उस प्रयास को तभी कर पाएगा जब प्रत्येक व्यक्ति, वर्ग और क्षेत्र को विकास का पूरा लाभ मिलेगा।” प्रधानमंत्री ने कहा कि इस बजट में सरकार द्वारा, सैचुरेशन के इस बड़े लक्ष्य को हासिल करने के लिए एक स्पष्ट रोडमैप दिया गया है। उन्होंने कहा, “बजट में पीएम आवास योजना, ग्रामीण सड़क योजना, जल जीवन मिशन, नॉर्थ ईस्ट की कनेक्टिविटी, गांवों की ब्रॉडबैंड कनेक्टिविटी, ऐसी हर योजना के लिए जरूरी प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा, “बजट में जो वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम घोषित किया गया है, वो हमारे सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए बहुत अहम है प्रधानमंत्री ने सरकार की प्राथमिकताओं पर विस्तार से बताया और कहा कि प्रधानमंत्री पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास पहल (पीएम-डिवाइन) से पूर्वोत्तर क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं शत-प्रतिशत सुनिश्चित होंगी। इसी तरह, स्वामित्व योजना के तहत 40 लाख से अधिक संपत्ति कार्ड जारी किए जा चुके हैं, जिससे गांवों में आवासों और भूमि के उचित सीमांकन में मदद मिल रही है। विशिष्ट भूमि पहचान पिन जैसे उपायों से राजस्व अधिकारियों पर ग्रामीण लोगों की निर्भरता कम होगी। उन्होंने राज्य सरकारों से भूमि अभिलेखों और सीमांकन समाधानों को आधुनिक तकनीक से जोड़ने के लिए समय-सीमा के साथ काम करने को कहा। उन्होंने कहा, “विभिन्न योजनाओं में शत-प्रतिशत कवरेज के लिए, हमें नई तकनीक पर ध्यान देना होगा, ताकि परियोजनाओं को शीघ्रता से पूरा किया जा सके और गुणवत्ता से भी समझौता नहीं हो। प्रधानमंत्री ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत लगभग 4 करोड़ कनेक्शन देने का टारगेट हमने रखा है। इस टारगेट को हासिल करने के लिए आपको अपनी मेहनत और बढ़ानी होगी। उन्होंने सभी राज्य सरकारों से आग्रह किया करते हुए कहा कि जो पाइपलाइन बिछ रही हैं, जो पानी आ रहा है, उसकी क्वालिटी पर भी हमें बहुत ध्यान देने की ज़रूरत है। प्रधानमंत्री ने कहा, “इस योजना की एक मुख्य विशेषता है कि ग्राम स्तर पर स्वामित्व की भावना होनी चाहिए और ‘जल शासन’ को मजबूत किया जाना चाहिए। इन सब बातों को ध्यान में रखते हुए हमें 2024 तक हर घर में नल का पानी पहुंचाना है।”

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