बेंगलुरु। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इन दिनों भारत जोड़ो यात्रा पर हैं। यात्रा ने शनिवार को 1000 किलोमीटर पूरी कर ली है। आज के मौके पर कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता कर्नाटक पहुंचे हैं। इसी कड़ी में राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत अभी कर्नाटक में हैं। हाल के दिनों में राजस्थान में हुए सियासी संकट के बाद राहुल गांधी और गहलोत की यह पहली मुलाकात है। सवाल यह है कि क्या गहलोत को लेकर कांग्रेस के भीतर जो गतिरोध उत्पन्न हुआ था, वह राहुल गांधी से उनकी मुलाकात के बाद खत्म होगा ? क्या गहलोत को राहुल गांधी का साथ मिलेगा? क्या गहलोत राजस्थान के मुख्यमंत्री बने रहने वाले हैं ?बेल्लारी में सीएम गहलोत ने कहा कि जिस प्रकार ये लोग पूरे देश में तनाव, हिंसा, सांप्रदायिकता का माहौल बना रहे हैं, ये देश बर्दाश्त नहीं करेगा। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का संदेश है कि आपस में भाईचारा हो, सभी राज्यों, वर्गो और धर्मो में प्यार मोहब्बत की राजनीति हो। सद्भावना का माहौल बने। माना जा रहा है कि राहुल गांधी से मुलाकात के दौरान गहलोत ने अपना पक्ष जरूर रखा होगा। इसके पहले सचिन पायलट भी राहुल गांधी से मुलाकात कर चुके हैं। इससे पहले भारत जोड़ो यात्रा में शामिल होने के लिए गहलोत 22 सितंबर को कोच्चि भी पहुंच चुके थे। उस दौरान गहलोत ने राहुल गांधी से अध्यक्ष पद संभालने का आग्रह किया था। इस दौरान भी राहुल गांधी ने कहा था कि गांधी परिवार का कोई भी व्यक्ति अध्यक्ष नहीं बनेगा। राजस्थान में पूरे सियासी घटनाक्रम के बाद गहलोत ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात कर माफी भी मांगी थी। राजस्थान सियासी संकट के बीच गहलोत सुर्खियों में आ गए थे। राजस्थान में पिछले कई सालों से गहलोत और पायलट के बीच वर्चस्व की लड़ाई चल रही है। पिछले दिनों यह भी खबर आई थी कि कांग्रेस के अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी राजस्थान में मुख्यमंत्री को लेकर कोई बड़ा निर्णय ले सकती हैं। हालांकि अब जो खबर है उसके मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष पद चुनाव के बाद ही कोई बड़ा निर्णय लिया जाएगा। लेकिन कहीं ना कहीं गहलोत की विश्वसनीयता पर सवाल जरूर उठे थे।
राजस्थान के सियासी संकट के बीच राहुल गांधी से हुई अशोक गहलोत की मुलाकात
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