संजय गांधी पावर प्लांट के अधिकारियों की लापरवाही से परेशान किसान
अपने पूरे परिवार के सांथ खेतों मे जूझकर फसल उगाने वाले किसानों की मुसीबत कम होने का नाम नहीं ले रही है। अन्नदाता को केवल प्रकृति ही नहीं जंगली जानवरों, बंदरो, खेतों से सटी खदानों और फैक्ट्रियों की कारगुजारियों से भी दोचार होना पड़ रहा है। यह कष्ट तब और बढ़ जाता है, जब उसकी सुनवाई कहीं नहीं होती।
बिरसिंहपुर पाली/तपस गुप्ता। तहसील क्षेत्र अंतर्गत संजय गांधी ताप विद्युत परियोजना के आसपास खेती कर रहे किसान एक बार फिर प्रबंधन की लापरवाही का शिकार हो कर मेहनत से तैयार फसलों से हांथ धो रहे हैं। बताया गया है कि पावर प्लांट के राखड़ डेम से निकल रहे पानी ने सैकड़ों एकड़ मे खड़ी फसल को तबाह कर दिया है। जिसे लेकर किसान खून के आंसू रो रहे हैं, परंतु ना तो कहीं उनकी सुनवाई हो रही है और नां ही प्रदूषित पानी रोकने की कोई पहल ही की गई है। नतीजतन फसलों के सत्यानाश होने का सिलसिला जारी है।
नहीं सुनी जा रही व्यथा
पॉवर प्लांट से लगे ग्राम कुंमुर्दू और मलियागुड़ा के किसानों ने बताया है कि राखडय़ुक्त पानी डेम से निकल कर खेतों मे भर रहा है, जिससे उनकी हरी-भरी अनाज और सब्जियों की फसल चौपट हो गई है। इसे लेकर कई बार अधिकारियों को अवगत कराया गया परंतु अब तक उन्होने पानी रोकना तो दूर खेतों की सुध लेना भी मुनासिब नहीं समझा है। इस समस्या से निजात दिलाने पॉवर प्लांट प्रबंधन से पानी निकासी मार्ग को नाले से जोड़ेने की मांग कई दिन पूर्व की गई थी, लेकिन आज तक कार्रवाई नहीं हुई है।
हमेशा का सिरदर्द
संजय गांधी ताप विद्युत परियोजना मे कोयले से बनी राखड़ को एकत्रित करने के लिये प्लांट मे एक डेम बनवाया गया है। यह राखड़ डेम हमेशा से ही आसपास के रहवासियों और किसानो के लिये सिरदर्द रहा है। इससे पूरे इलाके मे प्रदूषण बना रहता है। वहीं डेम से निकला राखडय़ुक्त पानी खेतों मे भरता है जो भूमि की उर्वरा शक्ति को नष्ट कर रहा है। इसके अलावा आये दिन डेम से रिसाव होता है जो कभी भी बड़ी दुर्घटना का कारण बन सकता है।
दिया जाएगा मुआवजा
पावर प्लांट से निकल रहे राखडय़ुक्त पानी से फसलों को हुई नुकसानी की पड़ताल हेतु एसडीएम पाली को निर्देशित किया जा रहा है। क्षति का परीक्षण करने के उपरांत नियमानुसार किसानो को मुआवजा देने की कार्यवाही की जायेगी।
संजीव श्रीवास्तव
कलेक्टर, उमरिया