नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने इस बात के संकेत दिए हैं कि फिलहाल वह यूपीए अध्यक्ष पद नहीं छोड़ेंगी। एनसीपी प्रमुख शरद पवार को यूपीए अध्यक्ष बनाने की मांग उठने के बाद से कांग्रेस असहज महसूस कर रही थी। ऐसे में सोनिया फिर सक्रिय रूप से अपनी भूमिका निभाते रहने को तैयार हैं। सोनिया ने पिछले दिनों खुद शरद पवार को फोन कर किसानों के मसले पर विपक्षी दलों की बैठक के लिए आमंत्रित किया है। संसद सत्र के ठीक पहले 26 या 27 जनवरी को विपक्षी दलों की बैठक प्रस्तावित है। कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक बैठक अध्यक्ष के नेतृत्व में होनी है। दरअसल कांग्रेस खुद को ही केंद्र में मुख्य विपक्ष की भूमिका में रखना चाहती है। विपक्षी दलों का नेतृत्व हाथ से जाने पर गैर भाजपाई विपक्षी दलों को जोड़ा तो जा सकता है, लेकिन ऐसा होने पर तीसरे मोर्चे के विकल्प का रास्ता खुलने का डर भी बढ़ेगा। पिछले दिनों राहुल को पार्टी का अध्यक्ष बनाने की मांग के बाद उनके नेतृत्व में विपक्षी दलों के एक प्लेटफार्म पर जोड़े रखने को लेकर सवाल उठे थे। चूंकि अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष ही यूपीए का चेयरमैन भी रहा है। ऐसे में शिवसेना ने पवार का नाम उछाल कर उन्हें यूपीए चेयरमैन की जिम्मेदारी सौंपने की पेशकश की थी। जिस पर कांग्रेस ने सीधे तौर पर तो कुछ नहीं कहा लेकिन अब विपक्ष को एकजुट करने के नाम पर सोनिया फिर से सक्रिय होकर यूपीए में शामिल दलों को भी संदेश दे रही हैं कि वे अभी इस पद की जिम्मेदारी संभालती रहेंगी।
यूपीए अध्यक्ष पद नहीं छोड़ेंगी सोनिया
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