मौसम में बदलाव से किसान हुए गर्म

आज निकालेंगे ट्रैक्टर मार्च, कल सरकार से वार्ता
नई दिल्ली । केंद्र सरकार के तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलनरत किसान मौसम में बदलाव के साथ ही गर्म होने लगे हैं। बुधवार को भी दिल्ली में सिंघु बॉर्डर और टिकरी बॉर्डर समेत कई जगह प्रदर्शन किए गए। यही नहीं, बारिश ने भी उन्हें परेशान कर रखा है। इस वजह से उन्होंने अपने टेंट को बचाने के लिए पक्के फर्श बनाने का काम शुरू कर दिया है। उधर किसान गुरूवार को ट्रैक्टर मार्च निकालकर प्रदर्शन करेंगे। वहीं शुक्रवार को सरकार के साथ बातचीत होगी। नए कृषि कानूनों के खिलाफ उत्तर प्रदेश, हरियाणा और पंजाब समेत कई राज्यों के किसानों का पिछले काफी दिनों से दिल्ली के बॉर्डर पर प्रदर्शन जारी है। जबकि दिल्ली एनसीआर में पिछले कई दिनों से जारी बारिश के बीच भी किसान हर मुश्किल का सामना करते हुए डटे हुए हैं। इस बीच किसानों ने टिकरी बॉर्डर पर अपने टेंटों को पानी से बचाने के लिए फर्श बनाने का शुरू कर दिया है।

सरकार और किसान अपने-अपने रुख पर कायम
कृषि कानूनों को लेकर सरकार और किसान दोनों अपने-अपने रुख से पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। किसानों का कहना है कि जब तक सरकार तीनों कृषि कानूनों को वापस नहीं लेती, न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) व्यवस्था बनी रहना सुनिश्चित करने के लिए कानून नहीं लाती, तब तक किसान आंदोलन जारी रखेंगे। किसानों ने 7 जनवरी को बड़ा प्रदर्शन करने की चेतावनी दी है। उनका कहना है कि अगर मांगें नहीं मानी गई तो वो गणतंत्र दिवस 26 जनवरी को पेरिफेरल एक्सप्रेसवे पर ट्रैक्टर परेड करेंगे। साथ ही 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर राज्यों में राजभवनों का घेराव किया जाएगा।

250 महिलाएं करेंगी ट्रैक्टर परेड का नेतृत्व
सिंघु बॉर्डर पर किसानों ने कहा कि अगर सरकार ने कृषि कानून वापस नहीं लिए तो वे दिल्ली में 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड करेंगे। परेड का नेतृत्व पंजाब और हरियाणा की महिलाएं करेंगी। वे किस तरह रैली को अंजाम देंगी, ये भी सोच लिया है। हरियाणा की करीब 250 महिलाएं ट्रैक्टर चलाने की ट्रेनिंग ले रही हैं।

किसानों की सरकार से 8 जनवरी को बातचीत
किसानों और सरकार के बीच 4 जनवरी की मीटिंग बेनतीजा रही और अगली तारीख 8 जनवरी तय हुई। अगली मीटिंग में कृषि कानूनों को वापस लेने और एमएसपी पर अलग कानून बनाने की मांग पर बात होगी। यह 9वें दौर की बैठक होगी। इससे पहले सिर्फ 7वें दौर की मीटिंग में किसानों की 2 मांगों पर सहमति बन पाई थी, बाकी सभी बैठकें बेनतीजा रहीं।

सुप्रीम कोर्ट ने किसान अंदोलन पर जताई चिंता
किसान संघों के नेता अपनी मांगों पर अड़े हैं। इस बीच सुप्रीम कोर्ट में किसानों के पक्ष में एक वकील द्वारा दायर याचिका पर बुधवार को सुनवाई हुई। फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई 11 जनवरी के लिए स्थगित दी। शीर्ष अदालत ने किसानों की हालत पर चिंता भी जताते हुए कहा कि हम आपकी समस्या को जानते हैं। हम चाहते हैं कि बातचीत से मसले का समाधान निकले। एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर तीनों केंद्रीय कानूनों के वापसी की मांग की।बता दें कि इससे पहले लॉ स्टूडेंट की ओर से दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने एक कमेटी गठित करने की बात कही थी। साथ ही बातचीत के जरिए समस्या का समाधान निकालने का सुझाव भी दिया था। इस बीच सातवें और आठवें दौर की बातचीत केंद्र सरकार और किसान संघों के नेताओं के बीच हुई थी। लेकिन दो दौर में नए सिरे हुई वार्ता भी पहले की तरह बेनतीजा रही। अब किसान संघों ने साफ कर दिया है कि उनका आंदोलन जारी रहेगा। साथ ही सात जनवरी को ट्रैक्टर मार्च और 26 जनवरी को गणतंत्र मार्च निकालेंगे।

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