मोक्षदायिनी है श्रीमद् भागवत कथा

मोक्षदायिनी है श्रीमद् भागवत कथा
निपनिया मे जारी ज्ञान गंगा का प्रवाह, उमड़ रहा श्रद्धालुओं का हुजूम
बांधवभूमि, हुकुम सिंह
नौरोजाबाद। स्थानीय रेलवे स्टेशन के समीप ग्राम पंचायत निपानिया मे बिरासनी समिति सेमरहा एवं राजपूत समाज द्वारा आयोजित श्रीमद् भागवत कथा सप्ताह ज्ञानयज्ञ मे भगवान की लीलाओं का वर्णन सुनने श्रद्धालुओं का हुजूम उमड़ रहा है। कथा के 6वें दिन व्यासपीठ पर विराजमान वृंदावन धाम से पधारे आचार्य श्री गिरधारी शरण शास्त्री जी द्वारा महारास लीला, कंस वध एवं रुक्मणी विवाह की कथा का वर्णन किया गया। उन्होने कहा कि जब-जब धरती पर अधर्म और अन्याय बढ़ता है, भगवान जन्म लेकर विधर्मियों का संहार करते हैं। उन्होंने बताया कि महारस मे पांच अध्याय हैं। इस मौके पर आचार्य जी ने भगवान कृष्ण का मथुरा प्रस्थान, कंस का वध, महर्षि सांदीपनी के आश्रम मे विद्या ग्रहण, काल्यवान का वध, उद्धव-गोपी संवाद, उद्धव द्वारा गोपियों को अपना गुरु बनाना, द्वारिका की स्थापना एवं रुक्मणी विवाह के प्रसंग का संगीतमय, जीवंत वर्णन किया। जिसे सुन कर संपूर्ण जनमानस अभिभूत हो उठे। उन्होने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा श्रवण जीव को शांति और मोक्ष प्रदान करने वाला है। आयोजन मे पांच कुंडीय विष्णु महायज्ञ का संपादन यज्ञाचार्य आनंदकृष्ण जी द्वारा कराया जा रहा है।

 

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