आक्सीजन सिलेंडर फटने से भड़की आग, 70 मरीजों को निकाले बाहर
मुंबई। मुंबई के एक मॉल में स्थित अस्पताल में आग लगने से कोविड-१९ के ११ मरीजों की मौत हो गई। वहीं, ७० अन्य मरीजों को सुरक्षित निकाल लिया गया। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि भांडुप इलाके में स्थित ड्रीम्स मॉल सनराइज अस्पताल में आधी रात के कुछ देर बाद आग लग गई। यह अस्पताल पांच मंजिला मॉल की तीसरी मंजिल पर स्थित है। हादसे के वक्त कोविड-१९ के मरीजों के अलावा और भी कई मरीज अस्पताल में थे। करीब १२ घंटे बीतने के बाद भी आग पर काबू नहीं पाया जा सका है। वहीं, बीएमसी ने इसे लेकर भांडुप पुलिस से इस मामले में विस्तृत जांच करने का अनुरोध किया है। बीएमसी ने बताया कि पुलिस ने नियमानुसार कार्रवाई शुरू कर दी है। मुंबई फायर ब्रिगेड ने आग लगने का कारण जानने के लिए कार्रवाई शुरू कर दी है। नियंत्रण कक्ष के सूत्रों ने बताया कि आग लगने की वजह का अभी पता नहीं चला है। माना जा रहा है कि ऑक्सीजन का सिलेंडर फटने से आग भड़क गई। उन्होंने बताया कि दमकलकॢमयों ने मरीजों को बाहर निकाल लिया और उन्हें दूसरे अस्पताल में शिफ्ट कर दिया गया। डीसीपी प्रशांत कदम ने बताया कि घटना में दस लोगों की मौत हुई है। आग मॉल के पहले फ्लोर पर लगी थी। अस्पताल में ७६ कोरोना मरीज भर्ती थे।
सीएम ठाकरे परिजनों को देंगे 5 लाख
महाराष्ट्र की राजधानी मुंबई में एक मॉल में बने अस्पताल में हुए आग्निकांड में 11 मरीजों की मौत मामले में प्रदेश सरकार ने बड़ा फैसला किया है। इस अस्पताल में कोरोना वायरस के मरीजों का इलाज चल रहा था। शुक्रवार को मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने घटनस्थल का दौरा किया। ठाकरे ने हादसों के कारणों की जानकारी ली और मृतकों के परिजनों के सामने शोक व्यक्त किया। उन्होंने इस हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को ५ लाख रूपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया है। ठाकरे ने मृतकों के परिजनों से माफी भी मांगी।
कोरोना ने मिटा दिया परिवार
भिलाई। कोरोना महामारी ने कई परिवारों को पूरी तरह से तबाह कर दिया है। छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले से भी ऐसा ही एक दर्दनाक मामला सामने आया है। यहां १० दिन पहले घर के मुखिया की मौत हुई। इसके ठीक पांच दिन बाद बेटों ने दम तोड़ दिया और ९ दिन बाद उनकी पत्नी भी चल बसीं। भिलाई के सेक्टर-४ में रहने वाले हरेंद्र सिंह रावत (७८) कोरोना से संक्रमित हुए थे। १६ मार्च को उनकी मौत हो गई। उनके बड़े बेटे मनोज सिंह रावत (५१) संक्रमण की चपेट में आए। उन्हें रायपुर एम्स में भर्ती कराया गया। इलाज के बीच ही २१ मार्च को उन्होंने दम तोड़ दिया। हरेंद्र की पत्नी कौशल्या रावत (७०) महामारी से २५ मार्च की सुबह चल बसीं। इस दिन शाम को छोटे बेटे मनीष (४४ ) की भी मौत हो गई। अब परिवार में हरेंद्र की एक बहू और उसके २ बच्चे बचे हैं। वे भी संक्रमित हैं।
भोपाल, इंदौर और जबलपुर की हालात खराब
मप्र में कोरोना का संक्रमण दिन पर दिन बढ़ता जा रहा है। प्रदेश में एक दिन में संक्रमित मरीजों की संख्या पिछले एक सप्ताह से बढ़ती जा रही है। पिछले २४ घंटे में २०९१ नए केस मिले हैं। जबकि २३ मार्च को यह आंकड़ा १८८५ था। कोरोना से पिछले ४८ घंटे में १८ लोग जान गंवा चुके हैं। यही वजह है कि भोपाल, इंदौर और जबलपुर के अलावा छोटे शहरों में प्रशासन अब ज्यादा सख्ती कर रहा है। प्रदेश में सबसे ज्यादा केस वाले शहर भोपाल, इंदौर और जबलपुर में हालात बिगड़ते जा रहे हैं। राज्य में ६० प्रतिशत केस सिर्फ इन तीन शहरों में दर्ज किए गए। भोपाल में कोरोना की रफ्तार बढ़ने के साथ एक्टिव केस में तेजी से वृद्धि हो रही है। यहां एक सप्ताह में ४५ प्रतिशत एक्टिव केस बढ़ गए है। यदि मार्च महीने के २४ दिन के आंकड़े देखें तो अब तक ५ गुना वृद्धि हो चुकी है। भोपाल में १ मार्च को एक्टिव केस ५५६ थे, जो २४ मार्च को बढ़कर ३१९५ हो चुके हैं।
होली पर बैन से भाजपा भी नाराज
मध्यप्रदेश के शहरों में इस बार की होली बे-रंग रहेगी। भोपाल, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में लोग घर से बाहर गुलाल नहीं उड़ा पाएंगे। जुलूस, सामूहिक आयोजन पर पहले से ही रोक है। इंदौर में प्रशासन द्वारा होलिका दहन पर रोक लगाने पर भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश विजयवर्गीय नाराज हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि होलिका दहन रोकना अनुचित है। यह बेहद आपत्तिजनक फैसला है। इससे जनता की धार्मिक भावनाएं आहत होंगे। प्रशासन इस पर फिर से विचार करे। इधर, भोपाल में हिंदू उत्सव समिति ने पहले ही तय किया है कि सोमवार सुबह ६:१५ बजे होली जलाई जाएगी। इंदौर की होलिका दहन और गेर को प्रतिबंधित कर दिया गया है। यहां होली पर रोक को लेकर विरोध शुरू हो गया है। भाजपा के प्रवक्ता उमेश शर्मा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि क्राइसेस मैनेजमेंट कमेटी के फैसले से सहमत नहीं हूं। मेरे मोहल्ले में कोविड गाइडलाइन के हिसाब से होली का पूजन होगा।
मॉल में बने कोविड अस्पताल में लगी आग, 11 मरीजों ने गंवाई जान
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