जांच के दौरान प्लांट में कई खामियां मिली, गांबिया में 66 बच्चों की मौत की जिम्मेदार
नई दिल्ली। अफ्रीका के गांबिया में 66 बच्चों की मौत की जिम्मेदार बताई जा रही भारतीय कंपनी मैडेन फार्मा की तमाम दवाइयों के उत्पादन पर हरियाणा की खटटर सरकार ने रोक लगा दी है। सोनीपत की फार्मा कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग यूनिट में सेंट्रल और हरियाणा ड्रग डिपार्टमेंट के अधिकारियों ने जांच में पाया कि प्लांट में कई खामियां हैं। इसके बाद मैडेन फार्मा को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। राज्य और केंद्र के ड्रग विभाग के अधिकारियों ने निरीक्षण में प्लांट और शक के घेरे में आईं चारों कफ सिरप को लेकर कई तरह की खामियां पाईं। इस लेकर हरियाणा के ड्रग कंट्रोलर ने मैडेन फार्मा को कारण बताओ नोटिस जारी कर 14 अक्टूबर तक अपना पक्ष रखने को कहा है। नोटिस में कहा गया है कि प्लांट में मिली खामियों को देखते हुए क्यों न आपका लाइसेंस रद्द कर दे। अधिकारियों को शक के दायरे में आई कफ सिरप के उत्पादन और टेस्टिंग में इस्तेमाल उपकरण का लॉग बुक नदारद मिला। सिरप में इस्तेमाल कई सॉल्ट के बैच नंबर भी नहीं मिले। कंपनी ने गांबिया भेजी गई कफ सिरप का सही तरीके से वैलिडेशन भी नहीं किया। सवालों के घिरे प्रोडक्ट की टेस्टिंग रिपोर्ट भी कंपनी देने में नाकाम रही। फार्मा कंपनी ने डाइ-ईथायलीन ग्लाइकोल और इथाईलीन ग्लाइकोल को लेकर प्रोपीलीन ग्लाइकोल की क्वालिटी टेस्टिंग तक नहीं की। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज ने कहा कि सोनीपत में फार्मास्युटिकल कंपनी की जिन तीन दवाइंयों को डब्ल्यूएचओ ने बताया है, उनके सैंपल सेंट्रल ड्रग लैब भेजे गए हैं। अभी रिपोर्ट नहीं आई है। उसके बाद कार्रवाई होगी। लेकिन केंद्र और हरियाणा राज्य के दवा विभागों की संयुक्त निरीक्षण के बाद इनमें लगभग 12 खामियां पाईं गईं।
मैडेन फार्मा की तमाम दवाइयों के उत्पादन पर रोक
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