मुश्किल काम के चलते शहडोल हाईवे के निर्माण मे हो रही देरी, दो स्ट्रक्चर तैयार
भोपाल, रायपुर और भिलाई मे बन रहे रेलवे ओव्हर ब्रिज के गार्डर
बांधवभूमि न्यूज
मध्यप्रदेश
उमरिया
जिला मुख्यालय से गुजरने वाले कटनी-शहडोल राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण मे हो रही देरी लोगों के लिये मुसीबत का सबब बनी हुई है। कई स्थानो पर सडक़ें वर्षो से खुदी पड़ी हैं, जिससे वहां आये दिन दुर्घटनाओं के सांथ बार-बार जाम की स्थिति निर्मित हो रही है। विशेषकर नौरोजाबाद के पहले पठारी फाटक से सस्तरा के बीच तथा घुनघुटी मोर्चा फाटक के पास तो हालत और भी खराब है। गौरतलब है कि मध्य प्रदेश सडक़ विकास निगम लिमिटेड द्वारा निर्माणाधीन कटनी- शहडोल राष्ट्रीय राजमार्ग का निर्माण करीब 6-7 वर्ष पूर्व शुरू हुआ था। जिसमे उमरिया-कटनी रोड तो काफी पहले ही बन चुकी है, पंरतु शहडोल मार्ग का निर्माण अभी भी पूरा नहीं हो पाया है। इसके पीछे ठेकेदारों की हीलाहवाली भी बड़ा कारण है। विभागीय सूत्रों की माने तो इस कार्य मे देरी की मुख्य वजह रास्ते मे पडऩे वाले 4-4 रेलवे फाटक और उनके ऊपर बनने वाले ओवर ब्रिज हैं।
कई चरणो मे होता है निरीक्षण
अधिकारियों का तर्क है कि कटनी रोड के बीच उन्हे एक भी रेलवे ओवर ब्रिज का निर्माण नहीं करना पड़ा था, सांथ ही इस मार्ग की लंबाई भी कम है। जबकि शहडोल मार्ग पर चार-चार ओवर ब्रिज बनाये जाने हैं। इस कार्य के लिये 48 मीटर से लेकर 60 मीटर लंबे स्टील गर्डरों की जरूरत है। जिनका निर्माण भोपाल, रायपुर और भिलाई मे चल रहा है। बताया गया है कि इनमे से 2 जगहों के गर्डर बन गये हैं। जबकि दो का काम अभी जारी है। इन गर्डर मे लगने वाली प्लेट और स्टील से लेकर पूरे रॉ मेटेरियल तथा फेब्रीकेशन वर्क का हर स्तर पर इंस्पेक्शन आरडीएसडी तथा एसईसी रेल्वे के अधिकारियों द्वारा किया जाता है। उनके संतुष्ट होने के बाद ही आगे का काम शुरू हो पाता है।
टुकड़ों मे लाये जयेंगे गर्डर
सूत्रों के मुताबिक अमहां, पठारी, दईगवां तथा घुनघुटी मोर्चा रेलवे फाटक पर बनने वाले ओवर ब्रिज के गर्डर भोपाल, रायपुर तथा भिलाई मे पहले पूरी तरह से फेब्रीकेट किये जायेंगे। अधिकारियों के निरीक्षण और उनकी संतुष्टि के उपरांत गर्डरों को खोल कर टुकड़ों मे ट्रेलरों के जरिये लाया जायेगा। साईट पर ये पुन: एसेम्बल होंगे। इसके बाद रेलवे से ब्लाक मांगा जायेगा। जानकारी के अनुसार ऐसे कार्यो के लिये रेलवे द्वारा 2-2 घंटे का ब्लाक दिया जाता है। इसी अवधि मे क्रेन की मदद से गर्डर पुलों पर चढ़ाये जायेंगे। यह काम पूरा होने के बाद कांक्रीट और सडक़ का निर्माण किया जायेगा।
आसान होगा शहडोल का सफर
जानकारों का मानना है कि उमरिया-शहडोल मार्ग के निर्माण मे देरी और असुविधा के कारण लोगों को जितनी परेशानी हुई है, इसके बनने के बाद सफर उतना ही आसान हो जायेगा। वर्तमान मे छोटे वाहनो पर उमरिया से शहडोल पहुंचने मे कम से कम डेढ़ घंटे का समय लगता है। उस पर भी यदि फाटक बंद मिले तो फांसला एक घंटा तो बढ़ ही जाता है। नई रोड पर मुसाफिरों को सभी फाटकों से निजात मिल जायेगी। जिसके बाद जिला मुख्यालय से संभाग मुख्यालय पलक झपकते याने करीब एक घंटे मे ही पहुंचा जा सकेगा। शर्त यह है कि निर्माण मे अब ज्यादा देरी न हो।
दूसरे शहरों मे चल रहे कार्य
उमरिया-शहडोल रोड पर भले ही काम नहीं दिख रहा है पर कई महत्वपूर्ण निर्माण दूसरे शहरों मे चल रहे हैं। राजमार्ग के रेलवे फ्लाई ओवर बेहद दुष्कर और महत्वपूर्ण हैं। इन पर हजारों वाहनो का आवागमन होगा। लिहाजा प्रत्येक कार्य सतर्कता के सांथ किया जा रहा है। पुल के गर्डर की हर स्तर पर जांच हो रही है। यही कारण है कि निर्माण की गति कुछ कम है।
आशीष पटेल
संभागीय प्रबंधक
एमपीआरडीसी, शहडोल