सरकार पलटने की रणनीति पर भाजपा ने शुरू किया काम
मुंबई।महाराष्ट्र में 100 करोड़ की वसूली, ट्रांसफर के नाम पर रिश्वतखोरी और विपक्ष के 100 सवालों में घिरी महा विकास अघाड़ी सरकार पर विपक्ष का दबाव लगातार बढ़ता जा रहा है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने की सियासी बिसात लगभग बिछाई जा चुकी है। 2 मई को पश्चिम बंगाल समेत पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम की घोषणा के साथ ही सूबे में कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर राष्ट्रपति शासन लगवाने की भाजपा की कोशिश है। जानकार मानते हैं कि यही कारण है कि भाजपा लगातार विभिन्न मुद्दों को उठाकर राज्य में कानून-व्यवस्था के खराब होने का माहौल तैयार करने में लगी हुई है।
प्लान ए फेल होने के बाद राष्ट्रपति शासन पर अमल
भाजपा के भरोसेमंद सूत्रों का कहना है कि दरअसल भाजपा का प्लान ए यानी अजित पवार को फिर से भाजपा के साथ लाने का उनका प्रयास विफल होता नजर आ रहा है। भाजपा को लग रहा था कि अजित पवार एनसीपी विधायकों के बड़े खेमे को तोड़कर पार्टी से अलग हो जाएंगे। एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार के पास सिर्फ 7-8 विधायक ही बचेंगे। ऐसे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की सरकार अल्पमत में आ जाएगी और भाजपा विधानसभा में एनसीपी के बागी विधायकों की मदद से किसी तरह बहुमत साबित कर सरकार बना लेगी। लेकिन शरद पवार की महाराष्ट्र पर कड़ी नजर और उनकी सख्ती के चलते एनसीपी में टूट होने के आसार अब कम हैं। यही वजह है कि भाजपा ने प्लान ए पर काम करना शुरू किया है।
मध्यावधि चुनाव कराने की योजना
भाजपा के सूत्रों का कहना है कि सचिन वझे प्रकरण की वजह से एनसीपी की छवि एक बार फिर सिंचाई घोटाले की तरह धूमिल हो गई है। इसलिए अब भाजपा रणनीतिकार एनसीपी के साथ सरकार बनाने के पक्षधर नहीं हैं। ऐसे में भाजपा को महाराष्ट्र में पहले राष्ट्रपति शासन लगवाने और फिर मध्यावधि चुनाव कराने का रास्ता सही लग रहा है।
सुधीर मुनगंटीवार को प्रदेशाध्यक्ष बनाने की भी तैयारी
भाजपा मध्यावधि चुनाव से पहले प्रदेशाध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल के स्थान पर पूर्व वित्त मंत्री सुधीर मुनगंटीवार को प्रदेशाध्यक्ष बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। हालांकि, भाजपा की ओर से अभी भी देवेंद्र फडणवीस ही मुख्यमंत्री पद के चेहरे होंगे। अगर मुनगंटीवार की अध्यक्षता में पार्टी चुनाव लड़कर सरकार बनाने में सफल होती है, तो उन्हें केंद्र में मंत्री बनाए जाने की योजना है। ध्यान रहे कि महाराष्ट्र के सियासी गलियारे में फडणवीस को भी केंद्र में भेजने की चर्चा लंबे अर्से से चली आ रही है।
महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन!
Advertisements
Advertisements
An outstanding share! I have just forwarded this on to a colleague who were doing slightly homework on this. And he actually ordered me lunch because I learned it for him… lol. So let me reword this…. Many thanks to the food!! But yeah, thanks for investing time to discuss this issue in this article on the World wide web web page.