प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट मे हुए भ्रष्टाचार से संघ भी नाराज, पहुंच चुकी है शिकायत
भोपाल । चुनावी साल में सत्तारूढ़ मप्र की भाजपा सरकार पर महाकाल लोक के निर्माण सहित करीब २२५ घोटालों के आरोप कांग्रेस लगा रही है। लेकिन धर्म की राजनीति करने वाली भाजपा के लिए महाकाल लोक में हुआ भ्रष्टाचार पार्टी की चुनावी सेहत बिगाड़ सकता है। इसलिए अब इस मामले में पीएमओ की एंट्री हुई है। प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार पीएमओ ने महाकाल लोक के निर्माण की पूरी प्रक्रिया की रिपोर्ट तलब की है। उधर, लोकायुक्त की अभी तक की जांच में टेंडर से लेकर निर्माण तक में भारी खामियां ही खामियां सामने आई हैं। जिसमें बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का अनुमान लगाया गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में हुए भ्रष्टाचार से संघ भी नाराज है। वहीं इसकी शिकायत पीएम तक पहुंच चुकी है। गौरतलब है कि महाकाल लोक में सप्तऋषियों की ७ मूर्तियां धराशायी होने के बाद लोकायुक्त ने स्वत: संज्ञान लेते हुए इसकी जांच शुरू कर दी है। लोकायुक्त की शुरुआती जांच में ही धांधलियां उजागर हो रही हैं। लोकायुक्त ये जानकर चौंक गए हैं कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में अफसरों ने इतनी गैरजिम्मेदारी से काम किया है। मूर्तियोंकी न तो ड्राइंग बनी थी, न ही डिजाइन। टेंडर एग्रीमेंट में जिम्मेदार अफसरों के दस्तखत भी नहीं हैं। मूर्तियों का स्पेसिफिकेशन भी तय नहीं था। लोकायुक्त ने उज्जैन स्मार्ट सिटी लिमिटेड को भेजे नोटिस में ये भी लिखा है कि ऐसा लगता है कि मूर्तियों का निर्माण ठेकेदार की मर्जी से हुआ है। जब अनुबंध में प्रावधान ही नहीं थे तो फिर काम किस आधार पर और कैसे करवाया गया?