महाकाल मंदिर मे पंचामृत, पूजन पर रोक

सुप्रीम कोर्ट का बड़ा फैसला, शुद्ध और सीमित मात्रा मे पूजन सामग्री चढ़ाने के निर्देश

उज्जैन। महाकालेश्वर मंदिर में शिवङ्क्षलग के नुकसान (क्षरण) के मामले को लेकर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दिया। इसमें पंचामृत पूजन पर रोक के साथ ज्योतिॄलग को घिसने और रगड़ने पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। इसके साथ महाकाल मंदिर प्रबंध समिति को आदेश किया है कि मंदिर समिति क्षरण (रिसना) रोकने के उपायों को तत्काल लागू करें। कोर्ट ने कहा कि एक्सपर्ट कमेटी के सुझावों को अमल में लाएं। इस कमेटी ने ज्योतिॄलग का क्षरण रोकने के लिए मंदिर समिति को सुझाव दिए थे। साल २०१३ में उज्जैन की सारिका गुरु नामक महिला ने महाकाल मंदिर में शिवङ्क्षलग क्षरण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। बाद में यह केस सुप्रीम कोर्ट चला गया तभी से लगातार सुनवाई चल रही थी। बता दें कि ज्योतिॄलग क्षरण का मामला अप्रैल २०१७ से कोर्ट में चल रहा है। उज्जैन निवासी सारिका गुरु की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने विशेषज्ञों की एक कमेटी गठित कर मंदिर का निरीक्षण करवाया था। कमेटी ने ज्योतिॄलग का क्षरण रोकने के लिए मंदिर समिति को सुझाव दिए थे। इसमें शिवङ्क्षलग का अभिषेक आरओ जल से करने, पूजन सामग्री सीमित मात्रा में उपयोग करने जैसे कई सुझाव शामिल थे। मंदिर समिति इन पर अमल भी कर रही है।
समिति ने पेश की थी रिपोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने समिति द्वारा अपनाए गए उपायों को लेकर एक रिपोर्ट तलब की थी। २५ अगस्त को समिति ने इस रिपोर्ट को कोर्ट में प्रस्तुत किया था। इसके बाद २७ अगस्त को याचिकाकर्ता का पक्ष सुना गया। सुनवाई पूरी होने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला सुरक्षित रखा था। मंगलवार को जस्टिस अरूण मिश्रा ने फैसला सुनाया।
शिव की कृपा से यह फैसला भी हो गया
जस्टिल अरूण मिश्रा बुधवार को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। महाकाल शिवङ्क्षलग क्षरण मामला का फैसला उनका अंतिम फैसला है। निर्णय सुनाते हुए उन्होंने यह भी कहा कि शिव की कृपा से यह फैसला भी हो गया।
2 साल तक के लिए बढ़ाया जा
सकता है लोन मोराटोरियम
लोन मोराटोरियम की अवधि बढ़ाने की मांग वाले दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है। मंगलवार को केंद्र सरकार की ओर से बेंच के सामने पेश हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि लोन मोराटोरियम को दो साल तक के लिए बढ़ाया जा सकता है। केंद्र सरकार की ओर से मोराटोरियम मामले को लेकर सोमवार को ही हलफनामा जमा कर दिया गया है। इस पर बेंच ने कहा कि उसे अभी हलफनामा नहीं मिला है। इसके बाद बेंच ने मामले की सुनवाई स्थगित कर दी। अब इस मामले में बुधवार को सुनवाई होगी।

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