घरेलू रसोई गैस के 50 रुपये तो कॉमर्शियल गैस सिलेंडर के 350 रुपए बढ़े दाम
नई दिल्ली । सरकारी तेल कंपनियों ने घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाकर होली के रंग में भंग डालने का काम किया है। त्योहार आने से ठीक पहले रसोई गैस सिलेंडर ने महंगाई की ‘आग’ भड़का दी है। घरेलू बाजार में बुधवार सुबह रसोई गैस सिलेंडर के दाम 50 रुपये बढ़ गए हैं। सरकारी तेल कंपनियों ने कॉमर्शियल गैस सिलेंडर की कीमतों में भी बढ़ोतरी की है। कॉमर्शियल सिलेंडर 350.50 रुपये महंगा हो गया है। सरकारी तेल कंपनियों की ओर से जारी 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमतों में बुधवार को 50 रुपये की बढ़ोतरी की गई। राजधानी दिल्ली में घरेलू रसोई गैस सिलेंडर का दाम अब 1103 रुपये पहुंच गया है। पहले यहां 1053 रुपये में सिलेंडर मिलता था। घरेलू सिलेंडर की कीमतों में करीब 8 महीने बाद बढ़ोतरी की गई है। इससे पहले 6 जुलाई 2022 को घरेलू गैस सिलेंडर के दाम बढ़ाए गए थे। मुंबई में रसोई गैस सिलेंडर 1052.50 रुपये के बजाए अब 1102.5 रुपये में मिलेगा। कोलकाता में भी एलपीजी सिलेंडर 1079 रुपये से बढ़कर 1129 पहुंच गया है। वहीं चेन्नई में 1068.50 रुपये की जगह 1118.5 रुपये में घरेलू गैस सिलेंडर बिक रहा है। भोपाल में घरेलू गैस की कीमत 1108.50 रुपए हो गई है। सरकारी तेल कंपनियों ने 19 किलोग्राम वाले कॉमर्शियल सिलेंडर के दाम भी 350 रुपये से ज्यादा बढ़ा दिए हैं। दिल्ली में अब कॉमर्शियल सिलेंडर 1769 रुपये के बजाए 2119.50 रुपये में मिलेगा। कोलकाता में 1870 रुपये में मिल रहा कॉमर्शियल सिलेंडर अब 2221.50 रुपये में मिलेगा। मुंबई में अभी तक 1721 रुपये में मिल रहा कॉमर्शियल गैस सिलेंडर अब 2071.50 रुपये में मिलेगा। चेन्नई में भी अब तक 1917 रुपये में मिल रहा कॉमर्शियल गैस सिलेंडर अब बढ़कर 2268 रुपये में पहुंच गया है। सरकारी तेल कंपनियों ने 1 मार्च से नई दरें लागू कर दी हैं, लेकिन यूपी में अभी रसोई गैस की कीमतों में बढ़ोतरी नहीं दिख रही। राजधानी लखनऊ में 14.2 किलोग्राम वाले रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 1090.50 रुपये ही दिख रही, जबकि नोएडा में भी रसोई गैस 1050.50 के पुराने रेट पर ही मिल रहा। हालांकि, जयपुर में यह बढ़कर 1106.50 रुपये, पटना में 1201 रुपये, 1111.50 रुपये और बैंगलोर में 1105.50 रुपये पहुंच गया है। अगर एलपीजी सिलेंडर के खपत की बात की जाए तो सबसे ज्यादा इस्तेमाल रसोई में होता है। सरकारी तेल कंपनियों की रिपोर्ट के मुताबिक, 2021-22 में एलपीजी की 90 फीसदी खपत रसोई में हुई, जबकि 8 फीसदी इंडस्ट्रियल यूज रहा। इसके अलावा वाहनों में भी 2 फीसदी एलपीजी सिलेंडर का इस्तेमाल किया गया। सरकार उज्ज्वला योजना के तहत करीब 8 करोड़ लाभार्थियों को सालभर में 12 सिलेंडर सब्सिडी पर मुहैया कराती है।