समस्या: मजबूर किसानो को बाजार से दोगुने दामो पर खरीदनी पड़ रही घटिया यूरिया
ऊंट के मुंह मे जीरे की सप्लाई
उमरिया। महीने भर की मशक्कत, किसानो की लुटाई और चीख-पुकार के बाद कल अंतत: 147.6 टन यूरिया की पहली खेप उमरिया पहुंच गई है। बताया गया है कि 100 टन का एक और लोड जिले के लिये रवाना हुआ है जो देर रात तक इंदवार पहुंच जायेगा। करीब 250 टन यूरिया मिल जाने से किसानो को थोड़ी-बहुत राहत जरूर मिलेगी पर यह मात्रा अभी ऊंट के मुंह मे जीरे के समान है। जानकारों के मुताबिक जिले मे तत्काल करीब 1000 टन खाद की जरूरत है। समय पर यूरिया न मिलने के कारण किसानो को बाजारों से मंहगी और गुणवत्ताविहीन खाद खरीदनी पड़ रही है। जिसका असर उनके जेब और फसल दोनो पर पड़ रहा है।
समय पर जरूरी है खाद का छिड़काव
पौधों को मजबूती प्रदान करने एवं उनकी ग्रोथ बढ़ाने के लिये जरूरी यूरिया की किल्लत ने इस बार भी किसानो को लुटने पर मजबूर कर दिया है। जिले मे महीने भर से यह खाद पूरी तरह खलास हो चुकी है। बोनी के तत्काल बाद फसलों को इसकी जरूरत होती है, ठीक इसी समय सहकारी समितियों और कृषि विभाग ने अपने हांथ खड़े कर दिये, लिहाजा किसानो को बाजार केे अपंजीकृत दुकानदारों से घटिया खाद दोगुने दामो पर खरीदने के लिये मजबूर होना पड़ा है। गौरतलब है कि समय पर बारिश होने के कारण किसानो ने जम कर धान की बोनी की है। अब धान के पौधे निपुस कर ऊपर को आने लगे हैं, जिनकी ग्रोथ के लिये एक तय समय पर यूरिया की जरूरत पड़ती है, यदि उन्हे खाद मिलने मे देर हो जाय तो उतना फायदा नहीं मिल पाता, जिसका असर उत्पादन पर पड़ता है। यही कारण है कि ऐसे टाईम पर किसानो को कहीं से भी खाद की व्यवस्था करनी पड़ती है, जो उन्हे इस बार भी करनी पड़ रही है।
150 रूपये प्रति बोरी का झटका
किसानो का कहना है कि समितियों और डबल लॉक मे यूरिया न होने के कारण उन्हे अपनी फसलों को बचाने के लिये बाजार का रूख करना पड़ रहा है। जहां उन्हे गुणवत्ताविहीन सामग्री के सांथ ही दोगुने दाम भी देने पड़ते हैं। बताया गया है कि समितियों और कृषि विभाग मे पंजीकृत दुकानदारों के यहां 45 किलो वजन के यूरिया की कीमत 266.50 रूपये प्रति बोरी है। यही यूरिया बाजार मे 400 से 450 रूपये प्रति बोरी बेंची जा रही है। इस तरह से किसानो को एक बोरी पर करीब 150 रूपये का झटका लग रहा है।
हर बार क्यों बनते हैं ऐसे हालात
विभागीय सूत्रों के मुताबिक इस बार जिले मे 2900 मीट्रिक टन यूरिया तथा 3124 मीट्रिक टन डीएपी का लक्ष्य तय किया था। जिसके विरूद्ध समितियों और पंजीकृत विक्रेताओं के माध्यम से 2480 टन डीएपी वितरित की जा चुकी है जबकि 644 टन खाद स्टाक मे है। लेकिन यूरिया के मामले मे हालात ठीक नहीं हैं। जिसका अब तक कुल वितरण मात्र 1872 टन ही हो पाया है, ऐसे मे किसानो को तकलीफ का सामना करना पड़ रहा है। सवाल उठता है कि जिले मे हर बार ऐसी ही स्थितियां क्यों निर्मित होती हैं, और सहकारी समितियों अथवा कृषि विभाग द्वारा समय पर खाद-बीज की पर्याप्त स्टॉकिंग क्यों नहीं की जाती।
शिकायत पर होगी कार्यवाही
आज जिले मे 146.7 टन यूरिया आ चुकी है। रात तक 100 टन माल इंदवार पहुंच जायेगा जबकि मानपुर के लिये 150 टन यूूरिया कल तक पहुंच जायेगी। कृषि विभाग निर्धारित कीमतों पर बेहतर क्वालिटी की खाद किसानो को दिलाने के लिये प्रतिबद्ध है। यदि कहीं से भी खराब क्वालिटी या मंहगे दामो मे खाद बेंचने का मामला संज्ञान मे आया तो संबंधित दुकानदारों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित की जायेगी।
आरके प्रजापति
उप संचालक कृषि, उमरिया
मशक्कत के बाद 150 टन पहुंची खाद, 100 टन रात मे आने की संभावना
Advertisements
Advertisements