उज्जैन मे संक्रमण से महिला ने गंवाई जान, अब तक सामने आये नये वेरिएंट के पांच मामले
भोपाल। कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर के कमजोर पड़ने के बाद अब इसके डेल्टा प्लस वैरिएंट का खतरा बढ़ता जा रहा है। मध्यप्रदेश के उज्जैन में इस वैरिएंट से पहली माैत की पुष्टि हुई है। प्रदेश में अब तक इसके 5 केस सामने आ चुके हैं। उज्जैन के कलेक्टर आशीष सिंह ने ने बताया कि मध्य प्रदेश में डेल्टा प्लस के 5 मामले सामने आए हैं। इसमें भोपाल में 3 और उज्जैन में 2 मामले हैं। इसमें से उज्जैन के एक मरीज की मौत की पुष्टि हो चुकी है। जिस महिला की मौत हुई है, उसे टीका नहीं लगा था। महिला के पति ठीक हैं, जिन्हें टीका लग चुका था।
4 मरीज ठीक हो चुके हैं
राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि मप्र में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 5 में से 4 मरीज कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं और घर पर हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के 5 मामले सामने आए हैं। इसको लेकर राज्य स्तर पर समीक्षा की जाएगी। प्रदेश में डेल्टा प्लस से एक मौत हुई है। इसमें यह बात सामने आई है कि जिन्हें कोरोना वैक्सीन लग चुकी थी, वो डेल्टा प्लस को भी हराने में कामयाब हुए। सारंग ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट से उज्जैन में एक मरीज की मौत हुई, उनको कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी थी। बाकी चार मरीजों को पहले टीके लग चुके थे और अब वे स्वस्थ हैं।
राज्य सरकार की ओर से जानकारी दी गई कि मप्र में कोरोना वायरस के डेल्टा प्लस वैरिएंट के 5 में से 4 मरीज कोरोना से स्वस्थ हो चुके हैं और घर पर हैं। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट के 5 मामले सामने आए हैं। इसको लेकर राज्य स्तर पर समीक्षा की जाएगी। प्रदेश में डेल्टा प्लस से एक मौत हुई है। इसमें यह बात सामने आई है कि जिन्हें कोरोना वैक्सीन लग चुकी थी, वो डेल्टा प्लस को भी हराने में कामयाब हुए। सारंग ने कहा कि डेल्टा प्लस वैरिएंट से उज्जैन में एक मरीज की मौत हुई, उनको कोरोना की वैक्सीन नहीं लगी थी। बाकी चार मरीजों को पहले टीके लग चुके थे और अब वे स्वस्थ हैं।
मध्यप्रदेश समेत 3 राज्यों को सतर्क रहने की सलाह
केंद्र सरकार ने मंगलवार को ही डेल्टा प्लस को वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया है। यानी की इसे गंभीर श्रेणी में रखा गया है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने मध्यप्रदेश, केरल और महाराष्ट्र सरकार को विशेष सतकर्ता बरतने की सलाह दी है। राज्य सरकार को केन्द्र द्वारा अलर्ट करने के एक दिन बाद भी ग्राउंड पर काम कर रहे डॉक्टरों को कोई दिशा निर्देश ही नहीं मिले हैं। इस मामले में हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर लोकेन्द्र दवे से बात कि तो उन्होंने कहा कि हमारे अस्पताल में इलाज को लेकर पूरी तैयारी है। अभी डेल्टा प्ल्स को लेकर सरकार की तरफ से अलग से कोई निर्देश नहीं मिले हैं। वहीं, भोपाल जय प्रकाश जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉक्टर राकेश श्रीवास्तव ने भी सिर्फ तैयारी पूरी होने का ही जवाब दिया है। इससे साफ है कि सरकार की तरफ से डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर ग्राउंड पर काम करने वाले डॉक्टरों को अलग से कोई दिशा निर्देश ही नहीं दिए गए हैं।इस मामले में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि भोपाल में तीन मामले सामने आए थे। इनमें से तीनों मरीज स्वस्थ है। उनके संपर्क में आने वालों की भी कॉन्ट्रेक्ट ट्रैसिंग कराई गई, वह भी सभी ठीक है। अभी कोई ज्यादा मामले मिले नहीं हैं, इसलिए अलग से कोई निर्देश वाली बात फिलहाल नहीं है। हम काेरोना टेस्टिंग के साथ-साथ वैक्सीनेशन पर फोकस कर रहे हैं, जिससे लोगों को संक्रमण होने पर भी खतरा कम रहे। वहीं, उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया मई में जब कोरोना अपने चरम पर था, तब उज्जैन में 17 मई को संक्रमित मिले दंपती में नया वैरिएंट मिला था। 6 दिन बाद यानी 23 मई को महिला मौत हो गई थी। वहीँ, 18 मई को भी डेल्टा प्लस वैरिएंट वाला दूसरा मरीज यानी महिला का पति मिला, वह ठीक हो गया। नोडल अधिकारी डॉ. रौनक ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार रेंडमली सैंपल रोजाना जांच के लिए भोपाल भेजे जाते थे। जांच के बाद इसका खुलासा हुआ था। दोनों मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच कराई गई, जिसमें से कोई भी संक्रमित नहीं मिला।
केंद्र सरकार ने मंगलवार को ही डेल्टा प्लस को वैरिएंट ऑफ कंसर्न घोषित किया है। यानी की इसे गंभीर श्रेणी में रखा गया है। हेल्थ मिनिस्ट्री ने मध्यप्रदेश, केरल और महाराष्ट्र सरकार को विशेष सतकर्ता बरतने की सलाह दी है। राज्य सरकार को केन्द्र द्वारा अलर्ट करने के एक दिन बाद भी ग्राउंड पर काम कर रहे डॉक्टरों को कोई दिशा निर्देश ही नहीं मिले हैं। इस मामले में हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डॉक्टर लोकेन्द्र दवे से बात कि तो उन्होंने कहा कि हमारे अस्पताल में इलाज को लेकर पूरी तैयारी है। अभी डेल्टा प्ल्स को लेकर सरकार की तरफ से अलग से कोई निर्देश नहीं मिले हैं। वहीं, भोपाल जय प्रकाश जिला चिकित्सालय के सिविल सर्जन डॉक्टर राकेश श्रीवास्तव ने भी सिर्फ तैयारी पूरी होने का ही जवाब दिया है। इससे साफ है कि सरकार की तरफ से डेल्टा प्लस वैरिएंट को लेकर ग्राउंड पर काम करने वाले डॉक्टरों को अलग से कोई दिशा निर्देश ही नहीं दिए गए हैं।इस मामले में भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने बताया कि भोपाल में तीन मामले सामने आए थे। इनमें से तीनों मरीज स्वस्थ है। उनके संपर्क में आने वालों की भी कॉन्ट्रेक्ट ट्रैसिंग कराई गई, वह भी सभी ठीक है। अभी कोई ज्यादा मामले मिले नहीं हैं, इसलिए अलग से कोई निर्देश वाली बात फिलहाल नहीं है। हम काेरोना टेस्टिंग के साथ-साथ वैक्सीनेशन पर फोकस कर रहे हैं, जिससे लोगों को संक्रमण होने पर भी खतरा कम रहे। वहीं, उज्जैन कलेक्टर आशीष सिंह ने बताया मई में जब कोरोना अपने चरम पर था, तब उज्जैन में 17 मई को संक्रमित मिले दंपती में नया वैरिएंट मिला था। 6 दिन बाद यानी 23 मई को महिला मौत हो गई थी। वहीँ, 18 मई को भी डेल्टा प्लस वैरिएंट वाला दूसरा मरीज यानी महिला का पति मिला, वह ठीक हो गया। नोडल अधिकारी डॉ. रौनक ने बताया कि सरकार के निर्देशानुसार रेंडमली सैंपल रोजाना जांच के लिए भोपाल भेजे जाते थे। जांच के बाद इसका खुलासा हुआ था। दोनों मरीज के संपर्क में आने वाले लोगों की भी जांच कराई गई, जिसमें से कोई भी संक्रमित नहीं मिला।
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