शहडोल/सोनू खान । पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त मोर्चा द्वारा अपनी न्यायोचित मांगों को लेकर 22 जुलाई से सम्पूर्ण प्रदेश में आंदोलन किया जा रहा है। अधिकतर मांगे अनार्थिक है लेकिन इसके बाद भी शासन द्वारा इस दिशा में कोई सार्थक पहल अभी तक नहीं की गई है। राज्य शासन की इस बेरूखी से आंदोलनकारियों में व्यापक असंतोष है। संयुक्त मोर्चा के आंदोलन एवं मनरेगा उपयंत्रियों की मांगों के समर्थन में मध्य प्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन भी उतर आया है। मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने बुधवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री के नाम कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है।
यह है प्रमुख मांग
सौंपे गए ज्ञापन में उल्लेख किया गया है कि गंधवानी में पदस्थ उपयंत्री प्रवीण पवार के आत्महत्या के कारण की न्यायिक जॉच कराकर दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जावे तथा मृतक के आश्रितों को 50 लाख की अनुग्रह राशि दी जावे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा अनुशंसित स्वीकृत रिक्त पड़े 500 पदों पर सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा नियमितीकरण हेतु 1 वर्ष से लंबित संक्षेपिका जी ए डी को तत्काल भेजी जावे, जिससे संविदा उपयंत्री के नियमितीकरण की प्रक्रिया प्रारम्भ हो सके। मनरेगा मांग आधारित योजना है इसे लक्ष्य आधारित बनाकर क्रियान्वयन हेतु अनावश्यक दबाव नहीं बनाया जावे, वर्तमान में अनावश्यक दबाव अत्यधिक होन से अधिकांश अभियंता अत्यधिक तनाव में है, जीवन चौपट हो रहा है। तनाव के कारण आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं, अब तनाव व अनावश्यक दबाव के कारण आत्महत्या, हार्टअटैक से किसी साथी की मृत्यु न हो। मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन के पदाधिकारियों ने यह भी उल्लेख किया है कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास के उपयंत्रियों की उक्त न्यायोचित व अनार्थिक मांगो पर पूर्ण संवेदनशील से प्रभावी कार्यवाही करें अन्यथा मध्यप्रदेश डिप्लोमा इंजीनियर्स एसोसिएशन की आंदोलन हेतु बाध्य होना पड़ेगा।
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