पौस्टिक चावल को प्लास्टिक चावल बता फैलाया भ्रम, वीडियो वायरल
बांधवभूमि, सोनू खान
शहडोल । एक ओर जहां पौस्टिक चावल को लेकर प्लास्टिक चावल का भ्रम को दूर करने में प्रशासन के पसीने छूट रहे तो वही दूसरी ओर शहड़ोल जिले के मनरेगा अधिकारी का अधूरा ज्ञान प्रशासन के लिये मुशिबत का शबब बन गया, दरअसल शहड़ोल जिले के मनरेगा परियोजना अधिकारी राहुल सक्सेना मनरेगा कार्यो के निरीक्षण के लिये ग्रामीण क्षेत्र पहुचे थे , जहाँ अपना मूल काम छोड़ सहाब शासकीय उचित मूल्य दुकान का चावल का निरीक्षण करते हुए वितरित किया जा रहा फोर्टिफाइड चावल को प्लास्टिक चावल बता लोगो के सामने भ्रम पैदा कर दिया इतना ही नही राशन विक्रेता को प्लास्टिक चावल वितरण करने की बात कहते हुए डांट लगा दी और साहब ने जांच के लिए चावल की सेम्पिलनग तक ले डाली, उनके इस ड्रामा का वीडियो वहां मौजूद एक शख्स ने बना लिया जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा। ताजा मामला जिले के बुढ़ार विकास खंड अंतर्गत ग्राम खरला का सामने आया है। जहां सोमवार को मनरेगा के परियोजना अधिकारी राहुल सक्सेना क्षेत्र में चल रहे मनरेगा कार्यो का निरीक्षण करने पहुचे थे। इस बीच अपना कार्य छोड़ वह ग्राम खरला स्थित शासकीय उचित मूल्य की दुकान का निरीक्षण करने पहुँच गए। और वहां रखे चावल की गुणवत्ता परखना शुरू कर दिया। चूंकि साहब की सिर्फ मनरेगा के निर्माण कार्यो का अनुभव था इसलिए उन्होंने जानकारी के अभाव में दर्जनों ग्रामीण हितग्राहियों के सामने ही उचित मूल्य की दुकान के संचालक से फोर्टिफाइड चावल कों प्लास्टिक का चावल बता लोगो के सामने भ्रम पैदा कर दिया, साहब ने तो बाकायदा फोर्टिफाइड चावल की जांच के लिए वहां से सैम्पल में ले लिया। इससे ग्रामीण हितग्राहियों की शंका और प्रबल हो गयी कि यख चावल प्लास्टिक का ही होगा, उनके जाने के बाद हितग्राहियों ने भी विक्रेता से कहना शुरू कर दिया कि बड़े साहब बोलकर गए है यह प्लास्टिक का चावल है हम लोग यह चावल अब नही लेंगे । हमे दूसरा चावल मंगवाकर दो, मनरेगा परियोजना अधिकारी का अधूरा ज्ञान खुद के लिए, लोगो के लिए और प्रशासन के लिए एक नई मुशिबत खड़ा कर दिया , उनके इस ड्रामा का वीडियो वहां मौजूद एक शख्स ने बना लिया जो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा। आपको बता दे कि प्लास्टिक की तरह दिखने वाला चावल दरअसल कुपोषण व एनीमिया की रोकथाम के लिए आहार में विटामिन, प्रोटीन जैसे पौष्टिक तत्वों भरपूर चावल है । जिसे वितरित किया जा रहा ,जिसको लेकर लोगो मे भृम था, जिसे प्रशासन जागरूक कर रहा है। इस मामले में मनरेगा परियोजना अधिकारी राहुल सक्सेना का कहना है कि उन्होंने कोई भ्रम नही फैलाया है, ग्रामीणो की शिकायत पर चावल का सेम्पल लेकर सम्बंधित अधिकारी को दे दिया था , जिसके बाद उन्हें पता चला कि आज फोर्टिफाइड चावल है । जानकरी के अभाव में उन्होंने प्लास्टिक का चावल समझ कर उस चावल उसके बारे कुछ कहा सुना , मैन कई चावल जीरा शंकर, वासमती,चिंनौर, श्री राम, सोनम, कालीमूछ जैसे चावल देखे लेकिन इस तरह का चावल पहली बार देखा, एसलिये भृम हो गया।
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