मेरा दिल पीड़ा और क्रोध से भरा:PM
PM मोदी ने कहा, ‘मेरा दिल आज पीड़ा और क्रोध से भरा है। ये घटना किसी भी सभ्य समाज के लिए शर्मसार करने वाली घटना है। मणिपुर की बेटियों के साथ जो हुआ, उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। ये बेइज्जती पूरे देश की हो रही है।’उन्होंने कहा- ‘मैं सभी मुख्यमंत्रियों से कहता हूं कि कानून-व्यवस्था को मजबूत करें। माताओं-बहनों की रक्षा के लिए सख्त कदम उठाएं। हिंदुस्तान के किसी भी कोने या किसी भी राज्य में राजनीतिक वाद-विवाद से ऊपर उठकर कानून-व्यवस्था और बहनों का सम्मान प्राथमिकता है।’
यह संविधान का सबसे घृणित अपमान:सुप्रीम कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और मणिपुर सरकार से पूछा है कि अपराधियों पर कार्रवाई के लिए आपने क्या कदम उठाए हैं। CJI ने कहा कि सांप्रदायिक संघर्ष के दौरान महिलाओं का एक औजार की तरह इस्तेमाल कभी स्वीकार नहीं किया जा सकता है। यह संविधान का सबसे घृणित अपमान है। मामले में अगली सुनवाई शुक्रवार को होगी।
विपक्ष ने कहा-विस्तृत चर्चा कराये सरकार
मणिपुर में जारी ङ्क्षहसा पर विपक्षी दल संसद में विस्तार से चर्चा की मांग कर रहे हैं। अपनी मांग पर अड़े विपक्षी दलों ने मणिपुर के मुद्दे पर सदन में जमकर नारेबाजी की। इसके बाद संसद के दोनों सदनों राज्यसभा व लोकसभा की कार्यवाही शुक्रवार ११ बजे तक के लिए स्थगित हो गई। कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, महिलाओं के साथ बलात्कार किया जाता है, उन्हें नग्न कर घुमाया जाता है। लेकिन, प्रधानमंत्री इतने दिनों से चुप हैं। इतने आक्रोश के बाद गुरूवार को उन्होंने संसद के बाहर बयान दिया। खरगे का कहना है कि हम मणिपुर पर विस्तृत चर्चा चाहते हैं, इतना ही नहीं पीएम मोदी को सदन में इस पर विस्तृत बयान देना चाहिए। हम मणिपुर के मुख्यमंत्री के तत्काल इस्तीफे और राष्ट्रपति शासन लगाने की भी मांग करते हैं। दरअसल, विपक्ष मणिपुर मुद्दे पर संसद के नियम २६७ के अंतर्गत चर्चा की मांग कर रहा है।