मणिपुर में हिंसा पीडि़तों से मिले इंडिया के सांसद

वायरल वीडियो केस में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की, ट्राइबल फोरम ने लिखी चिट्ठी
इंफाल। विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवपलपमेंट इन्क्लूसिव अलायंस (इंडिया) के 21 सांसदों का प्रतिनिधिमंडल शनिवार को मणिपुर पहुंचा। इसके बाद सांसदों का दल चूराचांदपुर पहुंचा। यहां उन्होंने रिलीफ कैंप में हिंसा पीडि़तों से मुलाकात की। ये सांसद 30 जुलाई तक यहां रहेंगे और जमीनी स्थिति का आकलन करेंगे। राज्य में तीन महीनों से जारी हिंसा और यहां के लोगों की समस्याओं के समाधान को लेकर सरकार और संसद को अपनी राय भी देंगे। इस बीच, मणिपुर में दो महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाने के मामले में सीबीआई ने एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी। केंद्र सरकार ने 27 जुलाई को मामले की जांच सीबीआई को सौंपने की बात सुप्रीम कोर्ट को बताई थी। साथ ही हलफनामा दायर कर मामले की सुनवाई मणिपुर से बाहर कराने की अपील भी की थी। उधर, मणिपुर की राजधानी इंफाल में मैतेई समुदाय की महिलाओं ने प्रदर्शन किया। उन्होंने शांति की अपील की और कहा कि कुकी समुदाय के लिए प्रशासन अलग से कोई नियम ना बनाए। इस बीच राज्यपाल अनुसूइया उइके रिलीफ कैंप में जाकर हिंसा पीडि़तों से मिलीं। यहां उन्होंने एक महिला को गले लगाकर ढांढस बंधाया। मणिपुर दौरे पर गए इंडिया के दल को इंडीजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने चिट्ठी लिखी है। इसमें बताया है कि तीन महीने से राज्य में जातीय हिंसा भडक़ी है। राज्य के सैन्यागार से हजारों हथियार लूटे गए हैं। राज्य के इकलौते हाईवे को बंद कर दिया गया है, जिसके चलते सबसे बड़े जिले चूराचांदपुर में रोजमर्रा की चीजों की कमी हो गई है। ट्राइबल्स और मैतेई शारीरिक रूप से अलग हैं। जबकि काफी हिंसा हो चुकी है, इस बात की संभावना नहीं दिखती कि दोनों फिर से साथ रह पाएंगे। हमारी केंद्र सरकार से अपील है कि संविधान के तहत हमें खुद का शासन करने का अधिकार दें।

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