भारत के साथ लगातार बेहतर हो रहे संबंध

फ्रांसीसी राजदूत ने कहा-अत्याधुनिक हथियारों की तकनीक साझा करेगा फ्रांस
नई दिल्ली। भारत के रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने में फ्रांस सबसे बड़ा भागीदार बनना चाहता है। दोनों पक्षों के बीच बढ़ते भरोसे को देखते हुए फ्रांस ने सर्वोत्तम तकनीकों और उपकरणों को साझा करने का फैसला लिया है। यह बात रविवार को फ्रांसिसी राजदूत इमैनुएल लेनेन ने कही। फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनैन ने कहा कि भारत को यूरोपीय संघ (ईयू) द्वारा घोषित वैश्विक गेटवे योजना के तहत हिंद-प्रशांत क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों में ‘कनेक्टिविटी’ बढ़ाने के लिए घोषित 300 अरब यूरो के कोष का एक हिस्सा मिल सकता है।
भारत का सबसे अच्छा भागीदार बनना चाहता है फ्रांस
राजदूत लेनेन ने कहा कि फ्रांस और भारत की कंपनियां भविष्य के उपकरण, प्लेटफॉर्म और इंजन के निर्माण पर मिलकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा, मुझे नहीं लगता कि कोई भी देश भारत को समान स्तर की तकनीक प्रदान करता है। हम मानते हैं कि भारत अपनी रणनीतिक स्वायत्तता (स्ट्रेटेजिक ऑटोनॉमी) को बढ़ावा देना चाहता है, अपना औद्योगिक आधार (इंडस्ट्रियल बेस) बनाना चाहता है और इस कदम में हम भारत का सबसे अच्छे भागीदार बनना चाहते हैं।
राफेल सौदे के बाद दोनों देशों की बीच मजबूत हुए संबंध
भारत और फ्रांस की सरकारों के बीच साल 2016 में 36 राफेल विमानों की खरीद के लिए समझौता हुआ था। भारत ने 59,000 करोड़ रुपये की लागत से ये विमान खरीद समझौता किया था। उसके बाद दोनों देशों के बीच रणनीतिक संबंध और मजबूत हुए हैं।
फ्रांसिसी राजदूत ने आगे कहा, “रक्षा, हमारे सहयोग का एक मजबूत घटक (कंपोनेंट) रहा है क्योंकि दोनों देशों के बीच काफी भरोसा है। जब आपको मुद्दों पर काम करना होता है तो आपको भरोसे की आवश्यकता होती है।उन्होंने आगे कहा कि यह भरोसा हमारी प्रमुख संपत्ति है। रक्षा सहयोग बहुत अच्छी तरह से विकसित हो रहा है। हम भारत के साथ बहुत सहज हैं। हमने फैसला किया है कि हम अत्याधुनिक उपकरणों की अपनी सर्वोत्तम तकनीक को साझा करने का फैसला किया है।
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