नई दिल्ली। हिन्द महासागर पर अपना प्रभुत्व कायम करने के लिए चीन लगातार प्रयास कर रहा है। चीन ने एक बार फिर अपने जासूसी पोत को शुक्रवार सुबह हिन्द महासागर में एंट्री कराई है। खास बात यह है कि चीन ने जासूसी युद्धपोत ऐसे समय में हिंद महासागर में भेजा है, जब भारत बंगाल की खाड़ी में मिसाइलों का परीक्षण करने वाला है। भारत इस जासूसी युद्धपोत की बेहद सतर्कता से निगरानी कर रहा है। अब माना जा रहा है कि भारत, चीनी पोत की हिन्द महासागर में एंट्री के बाद, अपना मिसाइल परीक्षण स्थगित कर देगा। हालांकि यह पोत भारतीय समुद्री सीमा से काफी दूर है, लेकिन, नौसेना पोत की गतिविधियों पर पैनी नजर रखे हुए हैं। इससे पहले अगस्त माह में श्रीलंका के हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन ने अपना जासूसी पोत उतारा था। जिसके बाद भारत ने नाराजगी जाहिर की थी। भारतीय नौसेना सूत्रों का कहना है कि 22,000 टन से अधिक भारी चीनी पोत का नाम युआन वांग-6 है। इस पोत को खासतौर पर जासूसी के लिए इस्तेमाल किया जाता है। इसके पीछे बड़ी वजह इसमें बड़े एंटीना और जासूसी के लिए उन्नत निगरानी उपकरण है। इसके अलावा यह पोत इलेक्ट्रॉनिक स्नूपिंग के साथ सेंसर से लैस है। रक्षा सूत्रों का कहना है कि भारत अगले सप्ताह बंगाल की खाड़ी के पास मिसाइल परीक्षण करने वाला है। लिहाजा चीन का हिन्द महासागर में जासूसी पोत उतारना बड़े सवाल पैदा करता है। इस पोत की खासियत ही जासूसी है। इसे उपग्रह प्रक्षेपण की निगरानी और लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों के ट्रैकिंग करने में महारथ हासिल है। माना जा रहा है कि भारत चीनी पोत की हिन्द महासागर में एंट्री के बाद मिसाइल परीक्षण स्थगित कर सकता है। जब से इस पोत ने इंडोनेशिया के सुंडा हिस्से से हिंद महासागर क्षेत्र में एंट्री ली है, भारतीय नौसेना अलर्ट हो गई है। इस पोत की बारीकी से निगरानी की जा रही है।
भारत के मिसाइल परीक्षण से पहले चीन ने उतारा जासूसी पोत, टल सकती है टेस्टिंग
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