भारत की कोवाक्सिन को डब्ल्यूएचओ से मिली आपात इस्तेमाल की मंजूरी, जानें क्यों अहम है ये फैसला

नई दिल्ली । विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने भारत में निर्मित कोरोनावायरस वैक्सीन कोवाक्सिन को बुधवार को आपात इस्तेमाल की मंजूरी दे दी। डब्ल्यूएचओ के अधिकारियों ने 26 अक्तूबर को भारत बायोटेक द्वारा तैयार की गई कोवाक्सिन पर समीक्षा बैठक की थी और कंपनी से इस वैक्सीन की ज्यादा जानकारी देने की मांग की गई थी। अब वैक्सीन को दुनियाभर के लिए सुरक्षित बताते हुए मान्यता दे दी गई है।

मंजूरी पर क्या बोला डब्ल्यूएचओ?
कोवाक्सिन को मंजूरी देने वाले डब्ल्यूएचओ के तकनीकी सलाहकार समूह में दुनियाभर को कई नियामक विशेषज्ञ शामिल रहे। उनकी तरफ से समीक्षा के बाद कहा गया कि कोवाक्सिन कोरोनावायरस से बचाव करने में डब्ल्यूएचओ के मानकों पर खरी उतरती है और इससे होने वाले छोटे-मोटे जोखिमों पर इसके लाभ काफी भारी पड़ते हैं। इसलिए यह वैक्सीन पूरे विश्व में इस्तेमाल की जा सकती है।कोवाक्सिन वैक्सीन की समीक्षा डब्ल्यूएचओ के स्ट्रैटिजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट ऑन इम्युनाइजेशन (SAGE) ने भी की। इस पैनल ने 18 साल से ऊपर के लोगों को कोवाक्सीन दो डोजों में चार हफ्ते के अंतराल में देने के तरीके को मान्य करार दिया। हालांकि, डब्ल्यूएचओ ने यह भी कहा है कि गर्भवती महिलाओं पर कोवाक्सिन के इस्तेमाल पर जो डेटा दिया गया, वह अभी भी अपर्याप्त है, जिसकी वजह से प्रेग्नेंसी के दौरान इसकी सुरक्षा और क्षमता को आंका नहीं जा सकता। गर्भवती महिलाओं पर यह स्टडीज सुनियोजित होती हैं।

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